Indian Railways: 1934 के भूकंप में दो हिस्सों में बंटा मिथिलांचल आखिरकार 88 साल बाद फिर जुड़ गया। शनिवार को मिथिलांचल के एक हिस्से लहेरियासराय से चली ट्रेन जब 3 घंटे 30 मिनट बाद सहरसा पहुंची तो इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने को हजारों की भीड़ मौजूद रही। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हरी झंडी दिखाई और 10 कोच वाली डीएमयू ट्रेन सहरसा के लिए रवाना हुई।
रेल मंत्री ने कहा- मिथिलांचल और सीमांचल के लोगों की बहुप्रतीक्षित ट्रेन सेवा की मांग पूरी हाेने से वह गौरवान्वित हैं। 1934 के भूकंप के कारण मिथिलांचल दो भागों में बंट गया था। अब ट्रेन सेवा बहाल होने से मिथिलांचल और कोसी का दिल फिर एक हाे गया है।
केंद्र ने बिहार के लिए रेलवे बजट बढ़ाया
रेलमंत्री ने कहा- पीएम ने बिहार के लिए रेलवे बजट को पहले की तुलना में तिगुना बढ़ाया है। उद्घाटन समारोह को ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, समेत कई गण्य मान्य लोग मौजूद थे।
रेल मंत्री बोले- यह मिथिलांचल और बिहार के लिए गौरव की बात
- पहली ट्रेन का सफर- घाेघरडीहा से बुक हुआ पहला टिकट
- दोपहर बाद 2.10 बजे झंझारपुर से खुली सांकेतिक ट्रेन
- 50 टिकट हुए बुक, 10 यात्री उतरे सहरसा में
- शाम 5.40 बजे सहरसा पहुंची 10 कोच वाली डीएमयू
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