भारतीय सेना में महिलाओं को और ज्यादा अहमियत दी जाने लगी है। इसी कड़ी में अब भारतीय नेवी अब अपने विशेष बलों में महिलाओं को शामिल करेगी। इस ऐतिहासिक कदम के रूप में पहली बार सेना के किसी अंग में कमांडो के रूप में महिलाओं को सेवा की अनुमति दी गई है। अधिकारियों ने रविवार को इस बारे में की जानकारी दी है। हालांकि अभी इसका आधिकारिक एलान होने बाकी है।
दरअसल, थल सेना, नौसेना और वायुसेना के विशेष बलों में कुछ विशिष्ट सैनिकों शामिल किया जाता है, जिन्हें बेहद कठिन ट्रेनिंग से गुजरतना पड़ता है। ये गुप्त अभियान को अंजाम देने में सक्षम होते हैं। सूत्रों ने बताया कि अब ट्रेनिंग के बाद अगर महिलाएं मानदंडों पर खरा उतरती हैं तो वे नौसेना में समुद्री कमांडो (Marcos) बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि भारत के सैन्य इतिहास में यह ऐतिहासिक कदम है, लेकिन किसी को सीधे स्पेशल फोर्स यानी विशेष बल में शामिल नहीं किया जाएगा। वॉलेंटियर के तौर पर काम करना होगा।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वॉलंटियर के तौर पर मार्कोस बनने का विकल्प महिला अधिकारियों और नाविकों दोनों के लिए खुला होगा, जो अगले साल अग्निवीर भर्ती के तहत सेवा में शामिल होंगी।
कई मिशनों को अंजाम दे सकते हैं मार्कोस
नौसेना में शामिल मार्कोस को कई मिशनों के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। वे समुद्र, हवा और जमीन में मिशन को अंजाम दे सकते हैं। ये कमांडो दुश्मन के युद्धपोतों, सैन्य ठिकानों, विशेष डाइविंग ऑपरेशन और टोही मिशन के खिलाफ गुप्त हमले कर सकते हैं। ये मार्कोस सागरीय क्षेत्र में भी आतंकवादियों से लड़ सकते हैं।
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