Indian Navy New Flag: गुलामी के बोझ से उतरा भारतीय नौसेना का झंडा, मोदी ने नए झंडे का अनावरण करते हुए कही ये बात
Indian Navy New Flag: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का जलावतरण किया। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की घरेलू क्षमताएं हैं
Highlights
- गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है
- 5,000 घरों को रोशन किया जा सकता है
- नौसेना का नया ध्वज समुद्र और आसमान में लहराएगा
Indian Navy New Flag: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का जलावतरण किया। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की घरेलू क्षमताएं हैं। मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित नौसेना के नये ध्वज का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा कि आज देश ने गुलामी के एक बोझ को सीने से उतार दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में स्वदेश निर्मित जहाज को नौसेना के बेड़े में शामिल किया।
5,000 घरों को रोशन कर सकता है विक्रांत
इस जहाज का नाम नौसेना के एक पूर्व जहाज विक्रांत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभायी थी। उन्होंने विमानवाहक पोत की कुछ विशेषताओं के बारे में भी बात की। उन्होंने इसे फ्लोटिंग एयरफील्ड, एक तैरता हुआ शहर के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि आईएनएस विक्रांत में जितनी बिजली पैदा होती है उससे 5,000 घरों को रोशन किया जा सकता है। सीएसएल पर आईएनएस विक्रांत के जलावतरण समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
अंग्रजों की निशानी खत्म
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह आईएनएस विक्रांत को मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी को समर्पित करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज 2 सितंबर 2022 की ऐतिहासिक तारीख को इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के झंडे पर अब तक गुलामी की पहचान बनी हुई थी। लेकिन आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित होकर नौसेना का नया ध्वज समुद्र और आसमान में लहराएगा। नौसेना ने पहले कहा था कि नया निशान समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप होगा।
20 हजार करोड़ के लगात से बना है ये जहाज
विक्रांत के नौसेना के बेड़े में शामिल होने के साथ ही भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देशों के एक चुनिंदा समूह में शामिल हो गया है, जिसमें स्वदेशी रूप से एक विमानवाहक पोत का निर्माण करने की विशिष्ट क्षमता है। कुल 262 मीटर लंबा तथा 62 मीटर चौड़ा यह जहाज 28 समुद्री मील से लेकर 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है। बीस हजार करोड़ रुपये की लागत से बना यह विमान वाहक जहाज अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यह देश में बने एडवांसड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) के अलावा मिग-29के लड़ाकू विमान सहित 30 विमान संचालित करने की क्षमता रखता है।
स्वदेशी स्तर पर विमानवाहक बनाने वाले लिस्ट में भारत भी शामिल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आईएनएस विक्रांत भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है। आईएनएस विक्रांत के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी स्तर पर विमानवाहक पोत बना सकते हैं। आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नए आत्मविश्वास से भर दिया है। मोदी ने कहा कि विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
छत्रपति वीर शिवाजी महाराज का था अहम योगदान
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यदि लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियाँ अनंत हैं तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत। मोदी ने नौसेना कोचीन शिपयार्ड के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और विशेष रूप से परियोजना पर काम करने वाले श्रमिकों के योगदान को स्वीकार किया और उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ओणम का सुखद और शुभ अवसर खुशी में इजाफा कर रहा है। उन्होंने कहा कि छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी।
महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल
जब अंग्रेज भारत आए, तो वे भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे। इसलिए उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया। इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए थे। महिला शक्ति पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।
वोकल फॉर लोकल पर दिया जोर
वोकल फॉर लोकल के मंत्र को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि बूंद-बूंद जल से जैसे विराट समंदर बन जाता है। वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक वोकल फॉर लोकल के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा। नौसेना का बजट बढ़ाने पर मोदी ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र और हिंद महासागर में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया है, लेकिन आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता हैं। इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक हर दिशा में काम कर रहे हैं। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।