भारक और श्रीलंका मछुआरों के मुद्दे पर एक बार फिर से आमने-सामने हैं। दरअसल, गुरुवार को श्रीलंकाई नौसैनिक जहाज और भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव के बीच टक्कर हुई थी। इस घटना में एक भारतीय मछुआरे की मौत हो गई और एक अब तक लापता है। अब भारत ने इस घटना को लेकर श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय में में तलब किया है। मछुआरे की मौत को लेकर भारत ने श्रीलंका के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। आइए जानते हैं इस घटना के बारे में विस्तार से।
कच्चाथीवु द्वीप के उत्तर में हुई घटना
भारतीय मछुआरों की नाव और श्रीलंकाई नौसैनिक जहाज के बीच टक्कर कच्चाथीवु द्वीप के उत्तर 5 समुद्री मील की दूरी पर हुई थी। जहाज पर 4 भारतीय मछुआरे थे जिनमें से 1 की मौत हो गई और एक अब तक लापता है। दो मछुआरों को बचा लिया गया और उन्हें कांकेसंथुराई तट पर लाया गया है। लापता मछुआरे की तलाश की जा रही है। जाफना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को मछुआरों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया गया है।
बल प्रयोग का सहारा न लिया जाए
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मछुआरों से संबंधित मुद्दों पर सरकार ने हमेशा ही मानवीय और मानवतावादी तरीके से निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों सरकारों के बीच मौजूदा समझ का सख्ती से पालन होना चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बल प्रयोग का सहारा न लिया जाए।
मछुआरों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में ये भी कहा गया है कि सरकार भारतीय मछुआरों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। भारतीय मछुआरों से संबंधित मुद्दे हमेशा ही नियमित रूप से श्रीलंका के साथ हाई लेवल पर उठाए जाते रहे हैं। बता दें कि इससे पहले भी 23 जुलाई को श्रीलंकाई नौसेना ने नौ मछुआरों को पकड़ा था।
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