Tawang Clash: भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प, तवांग सेक्टर में जिनपिंग की आर्मी ने की पत्थरबाजी
भारत और चीनी सैनिकों के बीच तवांग सेक्टर में झड़प की खबर आ रही है। 3 दिन पहले 9 दिसंबर को दोनों देशों के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई।
Tawang Clash: भारत और चीनी सैनिकों के बीच तवांग सेक्टर में झड़प की खबर आ रही है। 3 दिन पहले 9 दिसंबर को दोनों देशों के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया। हिंसक झड़प में दोनों देशों के सैनिक जख्मी हुए हैं। झड़प के बाद भारत और चीन के बीच कमांडर लेवल की मीटिंग हुई। ऐसी खबर सामने आ रही है कि चीन के करीब 300 सैनिक आए थे, जिसमें से चीन के 20 से ज्यादा सैनिक जख्मी हुए हैं, जबकि पीएलए को खदेड़ने में भारतीय सेना के 8 सैनिक घायल हुए हैं। इनमें से 3 घायल सैनिक गुवाहाटी अस्पताल में भर्ती हैं।
दोनों देशों के कुछ जवान हुए घायल
सूत्रों के मुताबिक, 9 दिसंबर 2022 को पीएलए (पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी) अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी तक पहुंचना चाह रही थी, जिसका भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता से मुकाबला किया। इस आमने-सामने की झड़प में दोनों तरफ के कुछ जवानों को मामूली चोटें आईं हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों देशों के सैनिक तुरंत इलाके से हट गए।
झड़प के बाद भारत और चीन के बीच कमांडर लेवल की मीटिंग
इस झड़प के बाद भारत और चीन के बीच कमांडर लेवल की मीटिंग हुई। आपको बता दें कि झड़प में चीन के ज्यादा सैनिक जख्मी हुए हैं। ऐसी खबर सामने आ रही है कि भारत और चीन की सेना के बीच पहली झड़प 9 दिसंबर की सुबह हुई है। 10 दिसंबर को फिर कुछ नहीं हुआ, शांति रही। लेकिन 11 दिसंबर को फिर झड़प हुई। आज 12 दिसंबर को दोनों देशों के बीच कमांडर लेवल की मीटिंग भी हुई है। अब से कुछ घंटे पहले ही ये मीटिंग हुई।
चीनी सैनिकों ने की थी पत्थरबाजी
जानकारी मिली है कि 9 दिसंबर को चीनी सेना ने पत्थरबाजी की थी। तवांग सेक्टर में चीन के सैनिकों की गुस्ताखी का भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया और उन्हें वापस खदेड़ दिया। इस में दोनों देशों के कुछ सैनिक जख्मी हुए हैं। 10 दिसंबर को शांति रही लेकिन 11 दिसंबर को चीन के सैनिकों ने फिर कोशिश की थी, लेकिन इस बार भारतीय जवान पहले से ज्यादा तैयार थे और 11 दिसंबर की झड़प में चीन के सैनिक ज्यादा घायल हुए। अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में दोनों देश अपने दावे की सीमा तक क्षेत्र में गश्त करते हैं। यह चलन एक अरसे से जारी है।