हैदराबाद: दिग्गज विमान विनिर्माता एयरबस का मानना है कि भारत में विमानन परिदृश्य बेहतर होने से यहां पर अगले दो दशक (20 वर्ष) में 2,210 नए विमानों की जरूरत होगी। एयरबस के एयरलाइन विपणन प्रमुख (भारत एवं दक्षिण एशिया) ब्रेंट मैकब्रैटनी ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि भारत में अगले दो दशक में बड़ी संख्या में नए विमानों की जरूरत होगी। इनमें से 1,770 विमान छोटे आकार के तथा 440 विमान मध्यम एवं बड़े आकार के होने चाहिए।
मैकब्रैटनी ने कहा कि अगले दो दशक में पुराने विमानों की जगह लेने और उद्योग के विस्तार की मांग को पूरा करने के लिए इन नए विमानों की जरूरत पैदा होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय विमानन उद्योग के विस्तार की संभावनाओं को देखते हुए उसे वर्ष 2040 तक 34,000 अतिरिक्त पायलट और 45,000 तकनीकी स्टाफ की भी जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि भारत में हवाई परिवहन के अगले दो दशक में 6.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। इस अवसर पर एयरबस के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (भारत एवं दक्षिण एशिया) रेमी मेलार्ड ने कहा कि लंबी दूरी वाली उड़ानों का 94 प्रतिशत विदेशी विमानन कंपनियों के पास है। लिहाजा भारतीय एयरलाइंस के पास विस्तार की काफी गुंजाइश है।
रेमी मेलार्ड ने भारतीय बाजार के लिए एयरबस ए-350 विमान को बेहद उपयोगी बताते हुए कहा कि भारत में लंबी दूरी की उड़ानों को संचालित कर विमानन परिदृश्य बदलने में यह विमान रणनीतिक भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में हवाई परिवहन पिछले 20 वर्षों में नौ गुना बढ़ा है और यह दुनिया का तीसरा बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन चुका है। पिछले 10 वर्षों में भारत में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या तीन गुना बढ़ी है जबकि विदेशी हवाई परिवहन दोगुने से अधिक हुआ है।
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