Indian Airforce Day: आज देश शनिवार को अपना 90वां वायुसेना दिवस मना रहा है। वायुसेना के इतिहास में पहली बार एयर फोर्स डे को दिल्ली से बाहर चंडीगढ़ में मनाया जाएगा। खास बात ये है कि पहली बार किसी एयरबेस से बाहर चंड़ीगढ़ की सुप्रसिद्ध सुकना लेक के आसमान में वायुसेना की ताकत का नजारा सबके सामने आएगा।
देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हवाई शो को देखने के लिये सुकना झील में मौजूद रहेंगे। राष्ट्रपति फ्लाई पास्ट के अवसर पर मुख्य अतिथि होंगी। एयर शो से पहले आज वायुसेना अड्डे पर औपचारिक परेड होगी। परेड का निरीक्षण एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी करेंगे। इस मौके पर वायुसेना प्रमुख इस अवसर पर वायुसेना कर्मियों के लिए लड़ाकू वर्दी के नए प्रारूप का भी अनावरण करेंगे। इस दौरान एयर बेस पर हेलीकॉप्टर की दो फोर्मेशन की फ्लाई पास्ट भी होगी। इसके अलावा वायुसैनिकों को वीरता मेडल से भी नवाजा जाएगा। वायुसेनाध्याक्ष इस दौरान एयर फोर्स की नई कॉम्बेट यूनिफॉर्म भी जारी करेंगे जैसा कि इस साल थलसेना दिवस पर सेना की नई वर्दी जारी की गई थी।
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80 सैन्य विमान और हेलीकॉप्टर लेंगे फ्लाईपास्ट में हिस्सा
वायुसेना दिवस फ्लाई पास्ट में करीब 80 सैन्य विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे। हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड, हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस, सुखोई, मिग-29, जगुआर, राफेल, आईएल-76, सी-130जे, हॉक, हेलीकॉप्टरों में हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव, चिनूक, अपाचे और एमआई-17 फ्लाई पास्ट का हिस्सा होंगे। वायुसेना के मुताबिक, इस साल फ्लाई पास्ट दोपहर 2.45 से शुरू होकर 4.44 यानी करीब-करीब पूरे दो घंटे चलेगा।
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क्या है भारतीय वायुसेना का इतिहास
देश के स्वतंत्र होने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) कहा जाता था। भारतीय वाय्सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 में की गई थी। इसके बाद 1 अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बना जिसमें 6 आएएफ-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था। आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से "रॉयल" शब्द को हटाकर सिर्फ इंडियन एयरफोर्स कर दिया गया था।
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