बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 19, 744 करोड़ रुपये की लागत वाले 'नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन' को मंजूरी मिल गई। 15 अगस्त 2021 को इंडिपेंडेंस डे के दिन पीएम मोदी ने अपने भाषण में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का ऐलान किया था। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा, ''PM मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। आज नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। भारत ग्रीन हाइड्रोजन का ग्लोबल हब बनेगा। प्रतिवर्ष 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन होगा।''
इससे 6 लाख नौकरियां मिलेंगी
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,744 करोड़ रुपए की मंजूरी आज दी गई है। इस मिशन से 8 लाख करोड़ रुपए का सीधा निवेश होगा। 6 लाख नौकरियां इससे मिलेंगी। 50 मिलियन टन ग्रीन हाउस उत्सर्जन को कम किया जाएगा।'' उन्होंने कहा, ''382 मेगावाट के सुन्नी बांध हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश के लिए मंजूर किया गया है। 2,614 करोड़ रुपए की लागत इसमें आएगी। ये सतलुज नदी पर बनेगा।''
17,490 करोड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, ''60-100 गीगावाट की इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता को तैयार किया जाएगा। इलेक्ट्रोलाइजर की मैन्युफैक्चरिंग और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर 17,490 करोड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ग्रीन हाइड्रोजन के हब को विकसित करने के लिए 400 करोड़ का प्रावधान किया है।''
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