नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया। इस विधेयक के पेश होते ही विपक्ष ने जहां इसमें कमियां निकालनी शुरू कर दीं, वहीं बीजेपी के नेताओं ने इसे एक एतिहासिक कदम करार दिया। महिला आरक्षण से ही जुड़े एक मुद्दे पर जनता की राय जानने के लिए इंडिया टीवी ने एक पोल किया, जिसके नतीजे काफी चौंकाने वाले रहे।
पोल में शामिल दो तिहाई लोगों ने दी ये राय
इंडिया टीवी ने जनता से सवाल पूछा था कि ‘क्या महिला आरक्षण राजनीति के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी लागू होना चाहिए?’ और ‘हां’, ‘नहीं’ और ‘कह नहीं सकते’ के विकल्प दिए थे। इस पोल पर कुल 5718 लोगों ने वोट किया जिसमें से 68 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया। वहीं, 29 फीसदी लोग इस बात के खिलाफ थे कि महिलाओं को सियासत के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी आरक्षण दिया जाना चाहिए। 3 फीसदी लोग ऐसे थे जिनकी इस बारे में कोई स्पष्ट राय नहीं थी और उन्होंने 'कह नहीं सकते' का विकल्प चुना। इस तरह देखा जाए तो पोल में शामिल दो तिहाई लोगों का मानना था कि महिलाओं को अन्य क्षेत्रों में भी आरक्षण दिया जाना चाहिए।
Image Source : India TVअधिकांश जनता महिलाओं को अन्य क्षेत्रों में भी आरक्षण देने के पक्ष में है।
लोकसभा में हो जाएंगी 181 महिला सांसद
बता दें कि ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो जाएंगी। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।
Latest India News