नई दिल्ली: मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर संसद से सड़क तक संग्राम छिड़ा हुआ है। लोकसभा और राज्यसभा की मॉनसून सत्र की कार्यवाही हर रोज इसी मुद्दे की भेंट चढ़ रही है। सरकार भी इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराना चाहती है, विपक्ष तो चर्चा की मांग ही कर रहा है, लेकिन मसला कुछ तकीनीकी कारणों पर अटका हुआ है। विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लेकर आ गया है, ऐसे में यह मुद्दा काफी आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है। हमने भी इस मुद्दे पर पोल के जरिए जनता की राय ली, जिसमें काफी चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।
‘संसद न चलने से हो रहा देश का नुकसान’
हमने अपने पोल में जनता से ‘संसद में हर रोज हंगामा, सदन न चलने से किसका नुकसान?’ पूछा था। इसके लिए हमने 4 ऑप्शन ‘सरकार का, विपक्ष का, देश का, ABC तीनेों का’ ऑप्शन दिए थे। जनता ने पोल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और हमें 9376 लोगों की राय जानने का मौका मिला। इस पोल में अधिकांश लोगों का कहना था कि संसद न चलने की वजह से देश का नुकसान हो रहा है। एक ठीक-ठाक संख्या इसमें विपक्ष का नुकसान भी मान रही थी, जबकि सबसे कम लोगों का मानना था कि इससे सरकार को किसी तरह का नुकसान हो रहा है।
Image Source : India TVलोगों ने पोल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
आंकड़ों में कैसा रहा पोल का नतीजा?
आंकड़ों की बात करें तो मतदान में कुल 9376 लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें से ज्यादातर, यानी कि 71 फीसदी लोगों का मानना था कि संसद की कार्यवाही ठप होने से सबसे ज्यादा देश का नुकसान हो रहा है। वहीं, 13 फीसदी लोगों का मानना था कि इससे सरकार का भी नुकसान हो रहा है, विपक्ष को भी चूना लग रहा है और देश भी घाटे में जा रहा है। 11 फीसदी लोगों का मानना था कि संसद में जारी हंगामे की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान विपक्ष का हो रहा है। सिर्फ 5 फीसदी लोग ऐसे थे जिनका कहना था कि संसद न चलने से सरकार का नुकसान हो रहा है।
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