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Hindi News भारत राष्ट्रीय India TV Poll: क्या लोकसभा चुनावों से ठीक पहले आंदोलन कर रहे किसानों की मांगें जायज हैं?

India TV Poll: क्या लोकसभा चुनावों से ठीक पहले आंदोलन कर रहे किसानों की मांगें जायज हैं?

किसान अपनी मांगों को लेकर राजधानी दिल्ली को घेर चुके हैं। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का भारी जमवड़ा है। लोकसभा चुनावो से ठीक पहले किसानों के इस आंदोलन पर इंडिया टीवी ने एक पोल किया जिसके नतीजे चौंकाने वाले रहे।

किसानों का आंदोलन- India TV Hindi Image Source : PTI किसानों का आंदोलन

India TV Poll: लोकसभा चुनावों से ठीक पहले किसानों का आंदोलन शुरू हो चुका है। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी और ऋण माफी समेत अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसान एक बार फिर से दिल्ली को घेरने की तैयारी में राजधानी की सीमा पर पहुंच चुके हैं। पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हो रही है। दिल्ली व हरियाणा के बीच दो प्रमुख सीमाओं पर वाहनों की आवाजाही बंद है। जबकि राष्ट्रीय राजधानी में महत्वपूर्ण स्थानों पर दंगा रोधी सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। हरियाणा से लगी दो सीमाएं - टिकरी और सिंघू - बंद हैं जबकि उत्तर प्रदेश से लगी गाजीपुर सीमा पर सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में आवाजाही की अनुमति दी गई है। टिकरी और सिंघू सीमाओं पर, दिल्ली पुलिस ने किसानों को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए बहुस्तरीय व्यवस्था की है, जिसके तहत अवरोधक, कंटीले तारों और कंक्रीट ब्लॉक लगाए गए हैं। अब इसी मुद्दे पर इंडिया टीवी ने अपने पोल के जरिए जनता की नब्ज टटोली, जिसपर चौंकाने वाले जवाब मिले।

आंदोलन कर रहे किसानों की मांगें जायज नहीं

हमने अपने पोल में जनता से यह पूछा था कि 'क्या लोकसभा चुनावों से ठीक पहले आंदोलन कर रहे किसानों की मांगें जायज हैं?' इसके लिए हमने जनता के सामने 'हां', 'नहीं' और 'कह नहीं सकते', तीन ऑप्शन दिए थे। इस पोल में जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हमें कुल 10365  लोगों की राय जानने का मौका मिला। ज्यादातर लोगों की राय थी कि लोकसभा चुनावों से ठीक पहले आंदोलन कर रहे किसानों की मांगें जायज नहीं है।

Image Source : India TVकिसानों की मांगों को जायज नहीं मानते हैं अधिकांश लोग।

आंकड़ों में कैसा रहा पोल का नतीजा?

आंकड़ों की बात करें तो इस मतदान में कुल 10365 लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें से ज्यादातर, यानी 87 फीसदी लोगों का मानना था कि लोकसभा चुनावों से ठीक पहले आंदोलन कर रहे किसानों की मांगें जायज नहीं हैं। वहीं करीब 10 फीसदी लोगों का मानना था कि यह फैसला सही है जबकि 3 फीसदी लोगों ने कह नहीं सकते का ऑप्शन चुना।

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