नयी दिल्ली: DRDO और भारतीय सेना ने पोखरण फायरिंग रेंज में पिनाक रॉकेट सिस्टम के नए वर्जन का सफल परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 24 Pinaka Mk-I (Enhanced) Rocket System (EPRS) को पिछले एक पखवाड़े में अलग-अलग स्थानों से दागा गया और इसने हथियारों के लिए निर्धारित सटीकता और निरंतरता के मानकों को पूरा किया। EPRS, पिछले दशक से भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे पिनाक स्वरूप का अद्यतन संस्करण है।
पिनाक रॉकेट सिस्टम को किया गया है अपग्रेड
मंत्रालय ने कहा कि रॉकेट प्रणाली को उन्नत प्रौद्योगिकी, सामने आ रही जरूरतों को पूरा करने के लिए बढ़ी हुई मारक क्षमता के साथ अपग्रेड किया गया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘पिनाक एमके-I (एनहैंस्ड) रॉकेट सिस्टम और पिनाक एरिया डेनियल म्यूनिशन (एडीएम) रॉकेट सिस्टम का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय सेना द्वारा पोखरण फायरिंग रेंज में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।’
DRDO ने की है रॉकेट के विकास में मदद बयान में कहा गया, ‘इस परीक्षण के साथ ही उद्योग द्वारा ईपीआरएस की इस प्रौद्योगिकी को अंगीकार करने का शुरुआती चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है और उद्योग साझेदार उपयोगकर्ता परीक्षण/रॉकेट प्रणाली के उत्पादन के लिए तैयार हैं। पिनाक रॉकेट सिस्टम का विकास पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना ने की है और इसमें पुणे में ही स्थित
डीआरडीओ की एक अन्य इकाई उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला ने सहयोग किया है।’
MIL ने किया है पिनाक रॉकेट सिस्टम का उत्पादन
मंत्रालय ने बताया कि पिनाक की प्रदर्शन कुशलता और बढ़ी हुई मारक क्षमता स्थापित होने के बाद इसकी प्रौद्योगिकी नागपुर स्थित म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) और इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड को स्थानांतरित किया गया। मंत्रालय ने बताया, ‘DRDO द्वारा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत MIL द्वारा उत्पादित रॉकेट का इस अभियान के दौरान परीक्षण किया गया। पोखरण फायरिंग रेंज में म्यूनिशन्स का फ्यूज के अलग-अलग स्वरूप जिनका इस्तेमाल पिनाक रॉकेट प्रणाली में इस्तेमाल किया जा सकता है, उनका भी सफल मूल्यांकन किया गया।’
पाकिस्तान ने की शाहीन-3 मिसाइल की टेस्टिंग बता दें कि पाकिस्तान की सेना ने शनिवार को सतह से सतह पर मार करने वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल शाहीन-3 का सफल उड़ान परीक्षण किया। यह मिसाइल 2750 किलोमीटर तक के लक्ष्य पर निशाना साध सकती है और इसकी जद में भारत के कई शहर आते हैं। ‘डॉन’ अखबार के मुताबिक शाहीन-3 मिसाइल की मारक क्षमता 2750 किलोमीटर तक है। यह मिसाइल भारत के पूर्वोत्तर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सबसे दूर के बिंदु तक पहुंचने में सक्षम है।
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