नयी दिल्ली: देश के कोविड टास्क फोर्स प्रमुख वीके पॉल ने कहा है कि एक संभावित परिदृश्य है कि "हमारे टीके उभरती परिस्थितियों में अप्रभावी हो सकते हैं"। वीके पॉल ने आवश्यकता अनुसार टीकों को संशोधित करने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। वे ये भी मानते हैं कि अगर महामारी से प्रभावी अंदाज में निपटना है तो इसके लिए ड्रग्स डेवलपमेंट को लेकर एक मजबूत रणनीति रहनी चाहिए, विज्ञान के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना चाहिए। साथ ही पॉल ने कहा, "हम ओमिक्रोन के संबंध में स्थिति को देख रहे हैं और दुनिया इसके विज्ञान को समझने की कोशिश कर रही है। लेकिन आज और आने वाले समय में हमें प्रत्येक वयस्क को कोविड के दो टीके लगाने का कार्य पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।"
सीआईआई पार्टनरशिप समिट में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि कहा कि हमें यह याद रखने की जरूरत है कि "आज हमारे पास जो ताकत है (वैक्सीन के विकास और उत्पादन की) वह सिर्फ आज के लिए हमारी जरूरतों को पूरा नहीं करेगी बल्कि कोई अन्य महामारी, जिनेटिक रोग या संक्रमण आता है, तो उसमें मददगार होगी। मैंने उनसे अपील की है कि हमें इन सभी प्लेटफार्मों को मजबूत और लचीला बनाने की आवश्यकता है। ताकि दोबारा ऐसी स्थिति आने पर हम कई प्लेटफॉर्म के जरिए उनसे तेजी से संपर्क कर सकें। यह है हमारे देश और दुनिया की ताकत है।"
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 77 देशों में अब तक ओमिक्रॉन फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ए घेब्रेयसस ने कहा है कि ओमिक्रॉन की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और मृत्यु दर में तेजी आएगी। ये अधिकांश देशों में फैल चुका है, भले ही इसका पता नहीं चला हो। एक और चौकाने वाली बात ओमिक्रॉन पर डब्ल्यूएचओ ने कहा है। WHO ने कहा है कि जिस तरह से ओमिक्रॉन फैल रहा है हमने अभी तक कोई भी वैरिएंट को इतनी तेजी के साथ फैलते नहीं देखा।
Latest India News