भारत इस समय आत्मनिर्भरता के साथ पूरे विश्व को हथियार से लेकर गोला बारूद तक एक्सपोर्ट करने की तैयारी में जुट गया है और यही देश की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। भारत के रक्षा क्षेत्र में कुल मिलाकर 334% एक्सपोर्ट बढ़ा है और इस समय भारत 75 देशों के साथ एक्सपोर्ट कर रहा है। भारत ऐसे वर्ल्ड क्लास हथियार तैयार कर रहा है जिसमें छोटे आर्म्स से लेकर रॉकेट और मिसाइल तक सब शामिल हैं।
भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में 54% का इज़ाफ़ा
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक़ 2022-2023 की शुरुआत में अभी तक 1387 करोड़ रुपये की लागत तक का एक्सपोर्ट किया जा चुका है। पिछले साल की अपेक्षा यानी 2020-2021 तक ये 12,815 करोड़ पहुंच चुका है जो सीधे तौर पर पिछले सालों की अपेक्षा से 54% का इज़ाफ़ा है। बता दें कि 2020-21 में भारत का रक्षा निर्यात 8,434 करोड़ रुपये था। वहीं साल 2019-20 में ये 9,115 करोड़ रुपये पर था और साल 2015-16 में डिफेंस एक्सपोर्ट महज 2,059 करोड़ रुपये ही था।
कई सारे देशों में हो रहा डिफेंस एक्सपोर्ट
भारत इस समय ब्रह्मोस फिलीपींस और वियतनाम जैसे देशों से लेकर और बाक़ी के हथियारों के लिए अमेरिका, साउथ ईस्ट एशिया, मिडल ईस्ट एशिया और अफ़्रीका के साथ व्यापार कर रहा है। इस समय भारत बुलेट प्रूफ़ जैकेट, वॉर शेलके, पिनाका रॉकेट्स, ब्रह्मोस मिसाइल, रडार और कई तरह के हथियार भी बाहर एक्सपोर्ट कर रहा है। भारत पहले ही फिलीपींस के साथ 375 मिलियन डॉलर की डील पर हस्ताक्षर कर चुका है। इसके अलावा वियतनाम और वियतनाम भी खरीदने के लिए लाइन में हैं।
इस समय अर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच युद्ध चल रहा है। ऐसे में भारत अर्मेनिया को पिनाक रॉकेट सिस्टम 2 हज़ार करोड़ पर दे रहा है। इससे पहले अर्मेनिया को फ़ायरिंग की लोकेशन पहचानने वाला स्वाति रडार भारत पहले ही दे चुका है और यही वजह है कि ये पिनाका रॉकेट सिस्टम अर्मेनिया के लिए 1 गेम चेंजर साबित होगा। इसको लेकर डॉक्टर एस वी गाडे ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की है।
30,000 करोड़ तक डिफेंस एक्सपोर्ट का लक्ष्य
वीआरडीई और डीआरडीओ के प्रमुख डॉ एसवी गाडे ने इस बेहतर तरीक़े से देश की आत्मनिर्भरता और साथ में एक्सपोर्ट करने की क्षमता को बताया। उन्होंने बताया कि पिनाक ब्रह्मोस के साथ-साथ अब एडवांस टॉड आर्टिलरी गन, जिसका ज़िक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल क़िले पर भी किया था, उसको भी जल्द ही एक्सपोर्ट किया जा सकता है। देश की आत्मनिर्भरता का प्रतीक और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने सभी संस्थानों के साथ मिलकर टारगेट सेट किया है कि 2025 तक भारत 30,000 करोड़ रुपये तक हथियारों का देश के बाहर एक्सपोर्ट करेगा और इसकी पूरी तैयारी की गई है।
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