CDS of India: लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान बने देश के नए सीडीएस, 40 साल का सैन्य अनुभव, जानिए उनसे जुड़ी 12 बातें
CDS Anil Chauhan: लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को सैन्य सेवा करते हुए 40 साल से अधिक का समय हो गया है। इस दौरान उन्होंने कई कमांड संभाले हैं। उनके पास जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में आतंक रोधी ऑपरेशन का अच्छा खासा अनुभव है।
Highlights
- लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान बने सीडीएस
- सैन्य सलाहकार के रूप में कार्यरत रहे हैं
- उन्हें 40 साल से ज्यादा का सैन्य सेवा का अनुभव है
CDS Anil Chauhan: लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को बुधवार को देश का नया प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) नियुक्त किया गया है। जनरल बिपिन रावत की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु के बाद से यह पद रिक्त था। पद रिक्त होने के नौ महीने से अधिक समय बाद यह नियुक्ति की गई है। 61 साल के चीन विशेषज्ञ चौहान अपने पदभार ग्रहण करने की तारीख से और अगले आदेश तक सैन्य मामलों के विभाग में सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। वह 2019 में बालाकोट हवाई हमलों के दौरान सेना के सैन्य अभियान (डीजीएमओ) के महानिदेशक थे, जब भारतीय लड़ाकू विमानों ने पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान के अंदर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को तबाह कर दिया था।
लेफ्टिनेंट जनरल चौहान (सेवानिवृत्त) भारत के दूसरे सीडीएस के रूप में कार्यभार संभालने के बाद चार सितारा रैंक के जनरल का पद ग्रहण करेंगे। पिछले साल पूर्वी सेना कमांडर के रूप में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में सैन्य सलाहकार के रूप में कार्यरत रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले सीडीएस के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया है, जो भारत सरकार, सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से और अगले आदेश तक कार्य करेंगे।’
- लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को सैन्य सेवा करते हुए 40 साल से अधिक का समय हो गया है। इस दौरान उन्होंने कई कमांड संभाले हैं। उनके पास जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में आतंक रोधी ऑपरेशन का अच्छा खासा अनुभव है।
- उनका जन्म 18 मई, 1961 में हुआ था और 1981 में वह सेना के 11 गोरखा राइफल्स में शामिल हुए थे।
- उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) खड़गवासला और भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून से पढ़ाई की है।
- लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने मेजर जनरल के पद पर रहते हुए जम्मू कश्मीर के बारामूला सेक्टर में नॉर्दर्न कमांड में इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी।
- इसके बाद उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल रहते हुए पूर्वोत्तर कोर का नेतृत्व किया था। भारत की सेना में 14 कोर हैं।
- लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भी पूर्व सीडीएस बिपिन रावत की तरह उत्तराखंड के रहने वाले हैं।
- वह सितंबर, 2019 से मई, 2021 तक अपने सेवानिवृत होने तक ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहे थे।
- वह डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन के पद पर भी रहे हैं।
- उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के अंगोला मिशन में अपनी सेवाएं दी हैं।
- लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान 31 मई, 2021 में सेना से रिटायर हुए थे।
- इसके बाद भी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में अपना योगदान देना जारी रखा।
- उन्हें सेना में शानदार सेवा देने के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।
सीडीएस की जिम्मेदारियां क्या होती हैं?
सीडीएस की प्रमुख जिम्मेदारियों में सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल बिठाना है। साथ ही देश की सैन्य ताकत को मजबूती देना है। केंद्र सरकार के अनुसार, सीडीएस की जिम्मेदारी देश के रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकार के तौर पर होती है। तीनों सेनाओं के मामले उनके अधीन आते हैं। उनकी डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) और डिफेंस प्लानिंग कमीशन (डीपीसी) जैसे जरूरी रक्षा मंत्रालय समूहों में जगह होगी। जानकारों की मानें तो सीडीएस के पद के लिए आयु सीमा 65 साल होनी चाहिए और कार्यकाल तीन साल का हो सकता है। ऐसे में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल भी तीन साल का हो सकता है। वह 61 साल के हैं। अब देश के नए सीडीएस के तौर पर वह इन तीन जिम्मेदारियों को संभालेंगे।
- पहली- सीडीएस की जिम्मेदारी।
- दूसरी- चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन।
- तीसरी- सचिव, डीएमए यानी डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स की जिम्मेदारी। यह एक सैन्य विभाग है, जो रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।