नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना महामारी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था फिर से गति पकड़ रही है और यह आर्थिक क्षेत्र में सरकार के फैसलों और देश की अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद का प्रतिबिंब है। ‘‘विकास और आकांक्षी अर्थव्यवस्था के लिए वित्तपोषण’’ विषय पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार के आम बजट में तेज गति से विकास को जारी रखने के लिए अनेक उठाए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सौ साल में आई सबसे बड़ी महामारी के बीच भारत की अर्थव्यवस्था फिर से गति पकड़ रही है। यह हमारे आर्थिक फैसलों और हमारी अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद का प्रतिबिंब है।’’ इस बार के बजट में सरकार ने तेज विकास की इस गति को जारी रखने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘विदेशी पूंजी प्रवाह को प्रोत्साहित करके, अवसंरचना निवेश पर कर कम करके, राष्ट्रीय अवसंरचना और निवेश कोष (एनआईआईएफ), गिफ्ट सिटी और नए वित्तीय विकास संस्थान (डीएफआई) जैसे संस्थान बनाकर हमने वित्तीय और आर्थिक विकास को तेज गति देने का प्रयास किया है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्त में डिजिटल प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग को लेकर देश की प्रतिबद्धता अब अगले स्तर पर पहुंच रही है और इस कड़ी में 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों की स्थापना और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी सरकार के दृष्टिकोण को प्रदर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत की प्रगति को तेज गति देने के लिए देश की जो प्राथमिकता है उसमें वित्तीय संस्थानों की भागीदारी अहम है।
‘‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’’ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश की निर्भरता दूसरे देशों पर कम से कम हो और इससे जुड़ी परियोजनाओं के वित्तपोषण के क्या अलग मॉडल बनाए जा सकते हैं, इस बारे में मंथन आवश्यक है। ड्रोन, अंतरिक्ष और जियो स्पेशल क्षेत्र में लिए गए सरकार के निर्णयों को ‘‘गेम चेंजर’’ करार देते हुए प्रधानमंत्री ने आह्वान किया कि इन क्षेत्रों में भी अब भारत को दुनिया के शीर्ष तीन देशों में जगह बनाने के लिए काम करना चाहिए।
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