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Hindi News भारत राष्ट्रीय India Diplomacy: दुनिया में बज रहा भारत का डंका, जी-20, SCO और UNSC की कमान हमारे हाथ में, जी-7 में मिल सकती है एंट्री

India Diplomacy: दुनिया में बज रहा भारत का डंका, जी-20, SCO और UNSC की कमान हमारे हाथ में, जी-7 में मिल सकती है एंट्री

India Diplomacy: भारत अब प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित होता नजर आ रहा है। इस साल भारत को दुनिया के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों की कमान मिलने जा रही है। साथ ही उसे दुनिया के सबसे धनी देशों के संगठन जी-7 में शामिल करने पर भी चर्चा चल रही है।

PM Narendra Modi- India TV Hindi Image Source : INDIA TV PM Narendra Modi

Highlights

  • भारत को मिली शंघाई सहयोग समिट की कमान, पाक पर नकेल कसने का मौका
  • दिसंबर में मिल जाएगी जी-20 की अध्यक्षता
  • सुरक्षा परिषद में एक महीने तक रहेगी भारत के पास कमान

INDIA Diplomacy: भारत की धाक पिछले कुछ वर्षोें में बढ़ी है। पीएम मोदी सरकार की कोशिशें अब रंग लाने लगी हैं। विदेश नीति में भारत का लोहा अब पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देश भी मानने लगे हैं। भारत की दुनिया में बड़ी धाक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत अब प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित होता नजर आ रहा है। इस साल भारत को दुनिया के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों की कमान मिलने जा रही है। साथ ही उसे दुनिया के सबसे धनी देशों के संगठन जी-7 में शामिल करने पर भी चर्चा चल रही है। अगर ऐसा हुआ तो इस संगठन का नाम बदलकर जी-8 हो जाएगा।

भारत को मिली शंघाई सहयोग समिट की कमान, पाक पर नकेल कसने का मौका

इस साल समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन यानी एसससीओ द्वारा निर्णय लिया गया कि अगली एससीओ समिट की अगुवाई भारत करेगा। इस तरह एससीओ की अध्यक्षता भारत के पास आ गई है। अगले साल सितंबर में इसका सम्मेलन भारत में होगा। इस संगठन में भारत के अलावा, रूस, चीन, पाकिस्तान और मध्य एशिया के 5 देश शामिल हैं। इस सम्मेलन का अध्यक्ष होने के नाते भारत इसमें आतंकवाद और विदेशी फंडिंग जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव पारित करवाकर पाकिस्तान की नकेल कस सकेगा। 

दिसंबर में मिल जाएगी जी-20 की अध्यक्षता

वहीं दुनिया के विकसित और विकासशील देशों के प्रमुख संगठन जी-20 की अध्यक्षता भी भारत को इस साल दिसंबर में मिल जाएगी। अगले साल इस प्रभावशाली संगठन का सम्मेलन भारत में होगा। इस संगठन में अमेरिका, रूस, चीन, भारत, इंडोनेशिया, ब्रिटेन,फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब समेत कई प्रभावशाली देश शामिल हैं। 

जी-20 के सम्मेलन में भारत के पास यह मौका होगा कि वह अपने पसंदीदा देशों को इस सम्मेलन में प्रवेश करा सके। सूत्रों के मुताबिक संगठन का अध्यक्ष होने के नाते भारत इस सम्मेलन में अपने मित्र देशों  मिस्र, बांग्लादेश, मॉरीशस, नाइजीरिया, ओमान, नीदरलैंड्स, स्पेन, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात को गेस्ट कंट्री के तौर पर शामिल होने के लिए न्योता भेजेगा। ऐसा करके भारत एशिया, यूरोप, अफ्रीका में अपने प्रभाव का और विस्तार कर पाएगा। इससे भारत का असर दुनिया के हरेक हिस्से में दिखाई देगा।

सुरक्षा परिषद में एक महीने तक रहेगी भारत के पास कमान

इस साल दिसंबर में दुनिया के सबसे शक्तिशाली संगठन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी की अध्यक्षता करने का भारत को मौका मिलेगा। करीब एक महीने तक परिषद की कमान भारत के पास रहेगी। इस दौरान वह दुनिया के तमाम वैश्विक मुद्दों पर निर्णायक स्टैंड लेने की स्थिति में होगा और उन फैसलों का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। 

पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश को जी-7 का स्थाई मेंबर बनाने की भी चर्चा

दुनिया में बढ़ रहे भारत के वैश्विक प्रभाव की केवल यही झलक नहीं है। उसे दुनिया के सबसे अमीर 7 देशों के संगठन जी-7 में शामिल करने की चर्चा भी जोरों पर चल रही है। भारत पिछले महीने ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। पिछले दिनों जर्मनी में जी-7 का सम्मेलन हुआ था, जिसमें होस्ट कंट्री ने भारत को गेस्ट कंट्री के रूप में आमंत्रित किया था।लेकिन अब भारत को इस संगठन को स्थाई सदस्य बनाने की चर्चा जोर पकड़ रही है। अगर ऐसा होता है तो संगठन का नाम बदलकर दोबारा से जी-8 हो जाएगा। साथ ही भारत की वैश्विक शक्ति भी कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी। इस संगठन में पहले रूस भी शामिल था लेकिन बाद में उसे निकाल दिया गया था। 

दुनिया में लगातार बढ़ रहा भारत का कद

विशेषज्ञों के अनुसार दुनिया में जिस तरह से वैश्विक संस्थाओं से जुड़े समीकरण बदल रहे हैं, उससे भारत की साख लगातार बढ़ रही है। अब दुनिया उभरते भारत की ओर देख रही है। विश्व कूटनीति में भारत का कद और बड़ा होता दिख रहा है। डिफेंस एक्सपर्टों का कहना है कि कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों की कमान मिलना भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत है। माना जा रहा है कि इन संगठनों की अध्यक्षता के जरिए भारत अपनी एक बड़ी कूटनीतिक छाप दुनिया पर छोड़ेगा।

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