नयी दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह सदैव अफगानिस्तान की जनता के साथ खड़ा है और वहां के लोगों को खाद्यान्न, दवा सहित मानवीय सहायता प्रदान करने को प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को यह बात कही। अफगानिस्तान को गेहूं की खेप की आपूर्ति को लेकर एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि 50 हजार टन गेहूं की आपूर्ति और इसको पहुंचाने की व्यवस्था के बारे में प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा कि इसमें परिवहन से जुड़े आयाम जुड़े है, स्वभाविक तौर पर इसमें समय लगता है और उम्मीद है कि जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। बागची ने कहा, ‘‘भारत सदैव अफगानिस्तान की जनता के साथ खड़ा है और वहां के लोगों को खाद्यान्न, दवा सहित मानवीय सहायता प्रदान करने को प्रतिबद्ध है।’’ उन्होंने कहा कि भारत इसके तहत अब तक 3.6 टन दवा और कोविड रोधी टीके की पांच लाख खुराक की आपूर्ति कर चुका है।
गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान की जनता के लिए 50,000 टन गेहूं और जीवन रक्षक दवाएं भेजने का एक प्रस्ताव सात अक्टूबर को पाकिस्तान को भेजा था तथा इस्लामाबाद ने नवंबर के अंत में भारत को अपने क्षेत्र से अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पहुंचाने की अनुमति देने की घोषणा की थी।
भारत चाहता है कि यह सहायता पाकिस्तान से सड़क मार्ग के जरिये लाभार्थियों तक सीधे पहुंचे और इनका वितरण किसी भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के जरिए हो। मौजूदा समय में पाकिस्तान केवल अफगानिस्तान को भारत को माल निर्यात करने की अनुमति देता है, लेकिन सीमा पार से किसी अन्य दोतरफा व्यापार की अनुमति नहीं देता है।
सरकार ने हूती विद्रोहियों से सात भारतीयों को छोड़ने को कहा : विदेश मंत्रालय
यमन में होदेइदाह के बंदरगाह से हूती लोगों द्वारा जब्त किए गए संयुक्त अरब अमीरात के ध्वज वाले मालवाहक जहाज पर सवार सात भारतीय नाविकों की सेहत ठीक है और सरकार कई माध्यमों से अपहरणकर्ताओं के संपर्क में है ताकि यथाशीध्र बंधकों को रिहा कराया जा सके। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यूएई में स्थित नौवहन कंपनी के साथ-साथ अन्य स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सात भारतीय नाविक स्वस्थ व सुरक्षित हैं और उन्हें नियमित भोजन दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया, हालांकि अपहरणकर्ता उन्हें परिवार से संपर्क करने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। बागची ने कहा कि भारत सरकार कई स्रोतों के संपर्क में है, जिसमें होदेइदाह समझौते का समर्थन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र मिशन भी शामिल है जिससे नाविकों की सुरक्षा और भलाई के बारे में जानकारी हासिल की जा सके और इसके साथ ही हूतियों तक अपना यह संदेश भी पहुंचा सके कि बंधक भारतीय नाविकों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए।
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