India Cleanest City: स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 की नतीजों में एक बार फिर से मध्य प्रदेश देश का सबसे स्वच्छ राज्य बन गया है। राजस्थान-महाराष्ट्र को पछाड़ कर मध्य प्रदेश ने नंबर 1 तमगा फिर से हासिल किया है। सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश सबसे आगे रहते हुए देश का सबसे स्वच्छ राज्य बन गया है। इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र का स्थान है। वहीं सबसे साफ शहरों की बात करें तो इंदौर एक बार फिर से नंबर वन का रिकॉर्ड कायम किए हुए है। यह 6ठवीं बार है जब इंदौर एक बार फिर से देश का सबसे स्वच्छ शहर बन गया है।
वहीं सूरत ने इस साल बड़े शहरों की श्रेणी में अपना दूसरा स्थान बरकरार रखा, जबकि विजयवाड़ा ने अपना तीसरा स्थान गंवा दिया और यह स्थान नवी मुंबई को मिला। भोपाल की रैंकिंग भी इस बार पहले से सुधरी है। भोपाल पिछली बार 7वें स्थान पर था लेकिन इस बार एक पायदान उपर आ कर 6ठवां स्थान हासिल किया है। इंदौर को गार्बेज फ्री सिटी में 7 स्टार रेटिंग मिली है, वहीं भोपाल को 5 स्टार रेटिंग मिला हुआ है।
पिछले सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश की रैंकिंग तीन थी। इसका कारण पिछले साल 2021 में सिटीजन फीडबैक यानी जनता की सक्रिय भागीदारी में मध्यप्रदेश का पिछड़ना था। इस कैटेगरी में देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को भी 6 हजार अंक नहीं मिले थे। उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर जैसे शहर तो 5 हजार अंक भी नहीं ला पाए थे। इस बार सिटीजन फीडबैक में प्रदेश ने सबसे बेहतर काम किया, जिससे मप्र नंबर-1 बन सका।
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सबसे स्वच्छ शहर
एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में ये टॉप-3 शहर
1-पंचगनी (महाराष्ट्र)
2- पाटन (छत्तीसगढ़)
3- कराड (महाराष्ट्र)
एक लाख से अधिक आबादी वाले शहर
1- इंदौर (मध्यप्रदेश)
2- सूरत (गुजरात)
3- नवी मुंबई (महाराष्ट्र)
इंदौर ने लगाया पूरा दम
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इंदौर वर्ष 2017 से ही देशभर में नंबर-1 पर आ रहा है। अबकी बार इंदौर ने सिक्सर लगाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। इसके लिए कई इनोवेशन भी किए गए। आखिरकार इंदौर ने सफाई का सिक्सर लगा ही दिया। मार्च-अप्रैल में सर्वेक्षण और डॉक्यूमेंट अपलोड किए गए थे। जनता के फीडबैक को लेकर भी पूरा जोर लगाया गया।
स्वच्छ सर्वेक्षण का सातवां संस्करण
सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्यों में त्रिपुरा ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को यहां एक कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। इस मौके पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य भी मौजूद थे। एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में महाराष्ट्र का पंचगनी पहले स्थान पर रहा। इसके बाद छत्तीसगढ़ का पाटन (एनपी) और महाराष्ट्र का करहड़ रहा। एक लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में हरिद्वार गंगा के किनारे बसा सबसे स्वच्छ शहर रहा। इसके बाद वाराणसी और ऋषिकेश रहे।
सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले गंगा के किनारे बसे शहरों में बिजनौर पहले स्थान पर रहा। इसके बाद क्रमशः कन्नौज और गढ़मुक्तेश्वर का स्थान रहा। सर्वेक्षण में, महाराष्ट्र के देवलाली को देश का सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड चुना गया। स्वच्छ सर्वेक्षण का सातवां संस्करण स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की प्रगति का अध्ययन करने और विभिन्न स्वच्छता मानकों के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को रैंक देने के लिए आयोजित किया गया था।
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