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Hindi News भारत राष्ट्रीय हमें कोई आंखें नहीं दिखा सकता! चीन ने देपसांग और डेमचोक से 50 फीसदी सेना हटा दी

हमें कोई आंखें नहीं दिखा सकता! चीन ने देपसांग और डेमचोक से 50 फीसदी सेना हटा दी

भारतीय सेना के सूत्रों ने जानकारी दी है कि दोनों पक्षों के सैनिक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस आ जाएंगे पेट्रोलिंग शुरू करेंगे। हालांकि, फिलहाल ये समझौते केवल देपसांग और डेमचोक के लिए लागू होंगे, अन्य स्थानों के लिए नहीं।

भारत और चीन के बीच समझौते का असर। (फाइल फोटो)- India TV Hindi Image Source : INDIA TV भारत और चीन के बीच समझौते का असर। (फाइल फोटो)

भारत और चीन के बीच करीब 4 साल बाद हालात सामान्य होते दिखाई दे रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों ने बड़ा समझौता किया है। इस समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं साल 2020 की स्थिति में वापस जाएंगी और बॉर्डर पर डिसइंगेजमेंट किया जाएगा। अब भारत और चीन के बीच इस समझौते का असर जमीन पर दिखाई पड़ने लगा है। जानकारी के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग में अब तक 50 फीसदी डिसइंगेजमेंट पूरा हो गया है। दोनों देशों की ओर से सेनाएं पीछे हटाई गई हैं।

दिवाली से पेट्रोलिंग की संभावना

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, डेमचोक और देपसांग में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 28-29 अक्टूबर तक डिसइंगेजमेंट पूरा हो जाएगा। माना जा रहा है कि दिवाली से डेपसांग और डेमचोक में पेट्रोलिंग शुरू हो सकती है। उदाहरण के तौर पर डेमचोक और देपसांग के अलग-अलग इलाकों में सैनिक 2 से 10 किमी की दूरी तक जाएंगे।

क्या होगा पेट्रोलिंग का प्रोसेस?

दोनों देश एक दूसरों के कमांडर्स को पेट्रोलिंग के दौरान जवानों की संख्या बताएंगे। हॉटलाइन पर बातचीत करेंगे। लांग रेंज पेट्रोलिंग और शॉर्ट रेंज पेट्रोलिंग की पूरी जानकारी और समय एक दूसरे को बताई जाएगी ताकि विश्वास बन सके। एक महीने में ये दो बार या उससे ज़्यादा भी हो सकता है। दोनों देश अपने जवानों को अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति के तहत पचास प्रतिशत तक पहुंच चुके हैं और अभी और ला रहे हैं।

जवानों की संख्या में कमी की गई

दोनों देश आपस में लोकल लेवल पर भी बातचीत करेंगे में बातचीत करेंगे। टेंट हटाने के बाद और अपने फॉरवर्ड बेस को डेम चौक और डेपसांग से पीछे की तरफ ले जाएंगे और ये दूरी एक सीमित दूरी के तौर पर होगी। उदाहरण के लिए कहीं ये दो किलोमीटर भी हो सकती है और उससे ज़्यादा भी। दोनों देश एक दूसरे की अलग-अलग तकनीकी साधनों से निगरानी करेंगे और जो दोनों के बीच म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग है उसका पालन करेंगे। इन दोनों इलाकों में जवानों की संख्या में कमी कर दी गई है और उन्हें दोनों तरफ़ पीछे ले जाया गया है।

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