नयी दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय की 1950 में स्थापना के बाद पहला मौका होगा जब 2022 में देश को मात्र तीन महीने में 3 मुख्य न्यायाधीश मिलेंगे। इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया अगस्त से नवंबर तक चलेगी। वहीं इस साल सात महीने में पांच न्यायाधीश भी सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होंगे। अगस्त, 2022 में मौजूदा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमया सेवानिवृत्त होंगे और उनकी जगह जस्टिस उदय उमेश ललित लेंगे। जस्टिस ललित का कार्यकाल दो से ढाई महीने का होगा और 65 वर्ष की आयु के बाद वह रिटायर हो जाएंगे। नवंबर में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल पूरे दो साल का होगा।
इस प्रकार तीन महीने के छोटे अंतराल में तीन मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च अदालत का नेतृत्व करेंगे। जस्टिस ललित जहां वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नत किए गये थे, वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के पुत्र हैं।
1991 में नवंबर-दिसंबर के बीच देश में तीन अलग-अलग CJI रहे
इससे पहले 1991 में नवंबर और दिसंबर के बीच देश में तीन अलग-अलग CJI थे। CJI रंगनाथ मिश्रा 24 नवंबर 1991 को रिटायर हुए थे। उसके बाद न्यायमूर्ति कमल नारायण सिंह ने 25 नवंबर से 12 दिसंबर 1991 तक 17 दिनों के सबसे छोटे कार्यकाल का रिकॉर्ड बनाते हुए CJI के रूप में पदभार संभाला। इसके बाद 13 दिसंबर 1991 से 17 नवंबर 1992 तक जस्टिस एमएच कानिया मुख्य न्यायाधीश बने रहे।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अपनी वरिष्ठता के आधार पर CJI के रूप में कार्यभार संभालते हैं। सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु संविधान के तहत 65 वर्ष निर्धारित की गई है।
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