India-Bhutan borders: असम सीमा पर स्थित भारत-भूटान सीमा द्वार ‘समद्रुप जोंगखर’ और ‘गेलेफू’ कोविड-19 महामारी फैलने के बाद से पहली बार 23 सितंबर को पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे। भूटान के गृह एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय के निदेशक (कानून-व्यवस्था) ताशी पेनजोर के नेतृत्व में एक भूटानी प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को कोकराझार में बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) के अधिकारियों के साथ बैठक की और ढाई साल के अंतराल के बाद द्वार को फिर से खोलने की घोषणा की।
कोविड-19 की स्थिति में सुधार के मद्देनजर हुआ फैसला
पेनजोर ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति में सुधार के मद्देनजर भूटान सरकार ने 23 सितंबर से व्यापार, वाणिज्य और आधिकारिक पारगमन के लिए देश की सीमाएं फिर से खोलने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “पिछले ढाई वर्षों में दोनों तरफ के कई अधिकारी बदल गए हैं और हम दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आवश्यक मित्रता और व्यक्तिगत संपर्क स्थापित करने के लिए बैठकें नहीं कर पाए। हम ऐसी और बैठकें करने को लेकर उत्सुक हैं।”
भारतीय पर्यटकों से अपील
पेनजोर ने भारतीय पर्यटकों से आग्रह किया कि वे गेलेफू और समद्रुप जोंगखर द्वारों के माध्यम से भूटान में प्रवेश करने के बाद देश में विभिन्न स्थानों की यात्रा करें। साल 2020 में चीन से निकला कोरोना देखते ही देखते वैश्विक महामारी का रूप धारण कर लिया। इस महामारी के कारण दुनिया की आर्थिक, सामाजिक व्यवस्था पूरी तरह बदल गई। इससे बचाव के लिए अलग-अलग देशों की सरकारों ने आने-जाने और सामाजिक मेल-जोल पर बंदिशें लगा दी जिसके चलते दुनिया की एक बड़ी आबादी घरों में बंद रहने को मजूबर हो गई। अब जैस-जैसे कोरोना का प्रकोप कम हो रहा है, लोगों के बीच मेल-जोल का दौर भी शुरू हो गया है। इसी का नतीजा है कि भारत-भूटान की सीमाएं पर्यटकों के लिए खोली जा रही हैं।
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