नयी दिल्ली: भारत ने शनिवार को पाकिस्तान से 356 भारतीय मछुआरों और 2 आम नागरिक कैदियों की रिहाई एवं उन्हें वापस भेजना सुनिश्चित करने की मांग की। इन सभी की नागरिकता की पहले ही पुष्टि हो गई है एवं पाकिस्तान के प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी गई है। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, पाकिस्तान से 182 भारतीय मछुआरों और 17 आम नागरिक कैदियों के लिये तत्काल राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने को भी कहा गया है जो अभी पाकिस्तान की हिरासत में है और जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारतीय हैं।
भारत ने दोनों देशों के बीच मछुआरों एवं आम नागरिक कैदियों की सूची के आदान-प्रदान के परिप्रेक्ष में यह आग्रह किया। दोनों देशों के बीच वर्ष 2008 के समझौता ढांचा के तहत हर वर्ष 1 जनवरी और 1 जुलाई को ऐसा किया जाता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के 282 नागरिक कैदियों एवं 73 मछुआरों की सूची पड़ोसी देश को सौंपी जो भारत की हिरासत में हैं। इसी प्रकार से पाकिस्तान ने उसकी हिरासत में रहने वाले 51 आम नागरिक कैदियों एवं 577 मछुआरों की सूची भारत को सौंपी जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारतीय नागरिक हैं।
बयान के अनुसार, भारत ने आम नागरिक कैदियों, लापता रक्षा कर्मियों एवं मछुआरों तथा उनकी नौकाओं की जल्द रिहाई एवं उनकी वापसी सुनिश्चित करने को भी पाकिस्तान से कहा है। इसमें कहा गया है कि सरकार ने पाकिस्तान से चिकित्सा दल के सदस्यों के लिये वीजा प्रदान करने में तेजी लाने को कहा है ताकि वे पाकिस्तान में उन कैदियों की मानसिक स्थिति एवं स्वास्थ्य की जांच कर सके जो उसकी जेल में बंद हैं और जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारतीय नागरिक हैं। मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘इसमें संयुक्त न्यायिक समिति के लिये जल्द पाकिस्तान का दौरा आयोजित करने का भी प्रस्ताव किया गया है।’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एक दूसरे देश में कैदियों एवं मछुआरों को सभी मानवीय विषयों एवं अन्य मामलों को प्राथमिकता देने को प्रतिबद्ध है। मंत्रालय ने कहा कि इस संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान से अपील की है कि वह मछुआरों सहित 68 पाकिस्तानी कैदियों की नागरिकता की पुष्टि के लिये जरूरी कदम उठाये जिनको वापस भेजने का विषय पाकिस्तान की ओर से नागरिकता की पुष्टि को लेकर लंबित है। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 के मद्देनजर पाकिस्तान से सभी भारतीयों एवं भारतीय समझे जाने वालों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया गया है। (भाषा)
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