INDIA-ASEAN Meet: दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के देशों के विदेशमंत्री भारत दौरे पर आए और आज गुरुवार को प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान आपसी सहयोग के मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। दरअसल, आसियान में शामिल देशों के विदेशमंत्री दो दिन के दौरे पर दिल्ली आए हैं। वे यहां भारत की मेजबानी में आयोजित होने वाले आसियान देशों के सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि इसने हिंद-प्रशांत में रणनीतिक और आर्थिक आधार विकसित करने की बुनियाद रखी है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक चुनौतियों और दुनिया के सामने मौजूद अनिश्चितताओं को देखते हुए आज आसियान की भूमिका शायद पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
10 देशों का समूह है आसियान
ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलिपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम इसके 10 सदस्य हैं। आसियान के इन देशों के संगठन की यह 30वीं वर्षगांठ है। इस उपलक्ष्य में यह सम्मेलन हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘भारत-आसियान के बीच 30 वर्षों के निकट सहयोग के अवसर पर आसियान देशों के प्रतिनिधियों और विदेश मंत्रियों से बहुत ही अच्छा संवाद हुआ।’
वहीं विदेश मंत्रालय के स्पोक पर्सन अरिंदम बागची ने ने अपने ट्वीट संदेश में कहा- ‘भारत-आसियान दोस्ती में मील का पत्थर। हमारे बीच वार्ता संबंधों के 30 साल और रणनीतिक साझेदारी के 10 सालों के अवसर पर भारत, आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की विशेष बैठक की मेजबानी कर रहा है। आज सुबह आसियान देशों के विदेश मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।’ पीएम मोदी से इन विदेशमंत्रियों की मुलाकत के दौरान नेशनल डिफेंस एडवाइजर अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी वहां मौजूद थे।
आसियान और भारत का नात 1992 से शुरू होता है। दिसंबर 1995 में भारत पूरी तरह संवाद भागीदार बन गया। वर्ष 2002 से, भारत और आसियान के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित होता आ रहा है। दरअसल, भारत ने 2012 से पूर्व के देशों की ओर भारत ने अपने संबंधों को इंपॉर्टेंस देना शुरू किया। 'एक्ट ईस्ट' नीति इसी सोच का हिस्सा थी।
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