A
Hindi News भारत राष्ट्रीय Independence Day: कैसा था 14-15 अगस्त 1947 की रात का माहौल, जानें कैसे किया देश ने अपनी आजादी का स्वागत?

Independence Day: कैसा था 14-15 अगस्त 1947 की रात का माहौल, जानें कैसे किया देश ने अपनी आजादी का स्वागत?

Independence Day: 14 और 15 अगस्त 1947 की उस रात को पूरे देश में बड़ा ही खुशनुमा माहौल था, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में आजादी के जश्न के जश्न की अलग ही छठा देखने को मिल रही थी।

Independence Day- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Independence Day

Highlights

  • 1947 की उस रात को पूरे देश में बड़ा ही खुशनुमा माहौल था
  • 15 अगस्त को बंद कर दिए गए थे बूचड़खाने
  • वायसराय हाउस से हटने लगे थे साइन बोर्ड्स

Independence Day: देश अपनी आजदी का 76 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। देश को आजदी लाखों शहीदों के बलिदान से मिली। और जिस दिन यह आजादी मिली उस दिन देश में अलग ही माहौल था। हर कोई जश्न में डूबा हुआ था। आखिर डूबे भी क्यों न? देश वर्षों की गुलामी से आजाद हो रहा था। इसी आजादी के लिए कई मांओं ने अपने बच्चे हंसते-हंसते न्योछावर कर दिए थे।

कैसा था 14 अगस्त की रात का माहौल ?

14 और 15 अगस्त 1947 की उस रात को पूरे देश में बड़ा ही खुशनुमा माहौल था, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में आजादी के जश्न के जश्न की अलग ही छठा देखने को मिल रही थी। लोग आधी रात को सड़कों पर थे। लोग सड़कों पर जश्न मन रहे थे तो वहीं 14 अगस्त की मध्य रात्रि यानी रात 12 बजे को भारत की स्वतंत्रता की घोषणा कर दी गई। जब घड़ी की सुई ने रात के 12 बजाए और फिर पूरा देश भारत माता की जय ने नारों से गूंज उठा। जिसके बाद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू 'जब पूरी दुनिया सो रही है तब...' के ऐतिहासिक भाषण से न केवल भारतवासियों को बल्कि पूरी दुनिया के लोगों को संबोधित करने लगे थे। उनके भाषण के साथ-साथ देशभर का हर गली, हर चौराहा, हर नुक्कड़ 'भारत माता की जय, वंदे मातरम' जैसे नारों से गूंज रहा था और लोग एक-दूसरे को लगे लगाकर बधाइयां भी दे रहे थे। 

Image Source : fileIndependence Day

15 अगस्त को बंद कर दिए गए थे बूचड़खाने 

देश की आजादी वाले दिन घोषणा कर दी गई कि 15 अगस्त को देशभर में एक भी बूचड़खाना नहीं खुलेगा। आजादी का जश्न मनाने के लिए देशभर के सभी सिनेमाघरों को फ्री करने का फैसला लिया गया। दिल्ली में सभी स्कूली बच्चों को इंडिपेंडेंस मेडल के साथ मिठाइयां दिए जाने का आदेश भी दिया गया। दिल्ली के इंपीरियल होटल में उत्साही देशवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा। आधी रात के बाद वहां एक युवक बार पर चढ़ गया और उसने सभी से राष्ट्रगान गाने की अपील की। वह युवक रवींद्र नाथ टैगोर का लिखा 'जन गन मन अधिनायक जय हे' की एक लाइन गाता और बाकी लोग एक स्वर से अगली लाइन गाते।

वायसराय हाउस से हटने लगे साइन बोर्ड्स

आजादी की घोषणा के बाद ही अंग्रेजी हुकूमत और अफसर अपना बोरी-बिस्तरा समेटने में जुट गए। दिल्ली स्थित वायसराय हाउस का नाम बदल कर गवर्नमेंट हाउस करके आम भारतीय नागरिकों के लिए खोल दिया गया। इसके साथ ही, माउंटबेटन ने अपने सभी कर्मचारियों को चेतावनी दी कि किसी भी भारतीय से ऐसी बात नहीं की जाए जिससे ब्रिटिश हुकूमत की बू आए। इसके साथ ही उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के सभी नोटिस बोर्ड और साइन बोर्ड हटाने का आदेश जारी कर दिए।

Latest India News