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Moon Lighting: अगर मून लाइटिंग किया तो बर्बाद हो सकता है करियर, जानें क्या है ये

Moon Lighting: आखिर मून लाइटिंग क्या है। क्या कभी आपने इसके बारे में सुना है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) एन गणपति सुब्रमण्यम ने कहा है कि ‘मूनलाइटिंग’ करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Moon Lighting- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Moon Lighting

Highlights

  • नेशनल और मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले युवक-युवती कर रहे मून लाइटिंग
  • छुपकर युवक-युवतियों की मून लाइटिंग से कंपनियां हैरान
  • कई कंपनियों ने सैकड़ों युवक-युवतियों को नौकरी से निकाला

Moon Lighting: आखिर मून लाइटिंग क्या है। क्या कभी आपने इसके बारे में सुना है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) एन गणपति सुब्रमण्यम ने कहा है कि ‘मूनलाइटिंग’ करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मून लाइटिंग करने वालों का करियर तक तबाह हो सकता है। यानी उन्हें नौकरी से निकाला जा सकता है।

कंपनी नौकरी के साथ दूसरे संस्थान के लिये काम करने को लेकर किसी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई उसका करियर बर्बाद कर सकती है और इस मुद्दे से निपटने के दौरान सहानुभूति दिखाना महत्वपूर्ण है। जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा स्वतंत्र रूप से कोई अन्य काम भी करता है, तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है। ‘मूनलाइटिंग’ को लेकर छिड़ी बहस के बीच सुब्रमण्यम ने कहा कि मूनलाइटिंग पर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से कंपनी को कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई सेवा समझौते का एक हिस्सा है, लेकिन युवा कर्मचारियों को इसे रोकना होगा। सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘कार्रवाई करने का नतीजा यह होगा कि कर्मचारी का करियर खत्म हो जाएगा। इस तरह कर्मचारी भविष्य में अगली नौकरी के लिए पृष्ठभूमि की जांच में विफल हो जाएगा। इसलिए हमें कुछ सहानुभूति दिखानी होगी।’’ उन्होंने कहा कि कंपनी एक कर्मचारी को परिवार का हिस्सा होने की तरह देखती है और किसी भी कार्रवाई के परिणामों को देखते हुए परिवार के सदस्य को भटकने से रोकने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

विप्रो ने ले ली 300 कर्मियों की नौकरी
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों में प्रतिभा की बढ़ती मांग के बीच 220 अरब डॉलर से अधिक के आईटी उद्योग में नौकरी के साथ अन्य काम पकड़ने के मामले सामने आये है। टीसीएस जैसे कई कंपनियों ने इसके बारे में चिंता व्यक्त की है जबकी विप्रो ने 300 कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया है। वहीं, टेक महिंद्रा जैसी कंपनियों ने ‘मूनलाइटिंग’ को लेकर नरम रुख दर्शाया है। टीसीएस के सीओओ ने कहा कि कुछ आईटी कंपनियां ऐसे मॉडल पर काम करती हैं जहां कर्मचारियों का ‘फ्रीलांसिंग’ करना ठीक है। लेकिन टीसीएस जैसी कंपनियां मूनलाइटिंग जैसी गतिविधि को जारी नहीं रहने दे सकती क्योंकि ग्राहक का आंकड़ा सुरक्षित रहना चाहिए।

युवाओं के तौर-तरीकों में बदलाव से हो रही मून लाइटिंग
राज्यमंत्री ने कहा कि आज के युवाओं और युवतियों के काम करने के तौर-तरीके बदल गए हैं। इसलिए काम के साथ मून लाइटिंग के लिए समय निकालना वक्त की जरूरत बनता जा रहा है। कोरोना काल में जब वर्क फ्रॉम होम का कल्चर आया तो उसके बाद मून लाइटिंग का दौर भी बढ़ा। यह युवाओं का आत्म विश्वास है कि किसी कंपनी में वह काम कर रहे हैं तो वहां का कामकाज प्रभावित किए बिना वह मून लाइटिंग के लिए समय निकाल पा रहे हैं।

क्या है मून लाइटिंग
आइए अब आपको बताते हैं कि मून लाइटिंग है क्या, जिसे लेकर कंपनियां विरोध कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने इसका एक तरह से समर्थन कर दिया है। युवक और युवती भी मून लाइटिंग कर सकने की छूट चाहते हैं। यदि आप किसी कंपनी में काम कर रहे हैं और उस दौरान एक या एक से अधिक कई अन्य कंपनियों में भी भिन्न-भिन्न समय पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं तो इसे मून लाइटिंग कहा जाता है। आम तौर पर कोई भी कंपनी अपने कर्मचारी को इसकी इजाजत नहीं देती है।

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