'भारत तरक्की करेगा, तो श्रीलंका जैसे पड़ोसी को भी होगा फायदा', बोले राष्ट्रपति विक्रमसिंघे, पीएम मोदी से की मुलाकात
भारत और श्रीलंका के बीच आर्थिक, रणनीति रिश्तों को और बेहतर करने व आगे बढ़ाने के उद्देश्य से श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और पीएम मोदी के बीच मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के प्रगाढ़ होने और आपसी विकास पर बात की।
New Delhi: भारत और श्रीलंका मजबूत आर्थिक संबंधों को और आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप पर काम करेंगे। पीएम मोदी से शुक्रवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने मुलाकात की। इस दौरान आर्थिक गठजोड़ को विस्तार देने के लिए महत्वाकांक्षी रोडमैप को स्वीकार किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने विक्रमसिंघे के साथ बातचीत में श्रीलंका में तमिल समुदाय के लिए सम्मानपूर्ण जीवन सुनिश्चित करने की जरूरत पर भी जोर दिया। मोदी और विक्रमसिंघे की व्यापक बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने अनेक घोषणाएं कीं जिनमें विद्युत ग्रिड को जोड़ने के काम को तेज करने, एक आर्थिक और टेक्नोलॉजी करार पर बातचीत शुरू करने, एक पेट्रोलियम पाइपलाइन के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करने और दोनों पड़ोसियों के बीच संपर्क को मजबूत करने के लिए आपसी विश्वास और समझ शामिल है।
विक्रमसिंघे दो दिन की यात्रा पर गुरुवार को दिल्ली पहुंचे। पिछले साल अभूतपूर्व आर्थिक संकट से प्रभावित होने के बाद से श्रीलंका के किसी वरिष्ठ नेता की यह पहली भारत यात्रा है। प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया को दिए बयान में पिछले वर्ष श्रीलंका में आई आर्थिक कठिनाइयों का जिक्र किया और कहा, ‘पिछला एक वर्ष, श्रीलंका के लोगों के लिए चुनौतियों से भरा रहा है। एक निकटतम मित्र होने के नाते, हमेशा की तरह, हम इस संकटकाल में भी श्रीलंका के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे।’
यूपीआई भुगतान प्रणाली का समझौता रहेगा फायदेमंद: पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि श्रीलंका में यूपीआई भुगतान प्रणाली शुरू करने के समझौते से दोनों पक्षों के बीच फिनटेक संपर्क स्थापित होगा। मोदी ने कहा कि भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण, दोनों में श्रीलंका का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा, ‘आज हमने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। हमारा मानना है कि भारत और श्रीलंका के सुरक्षा हित और विकास एक- दूसरे से जुड़े हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज हमने आर्थिक गठजोड़ के लिए एक रोडमैप को अपनाया है।’
उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण दोनों देशों के लोगों के बीच नौवहन, हवाई संपर्क और लोगों के बीच संपर्क को मजबूती देने से संबंधित है। मोदी ने कहा, ‘यह दृष्टिकोण पर्यटन, बिजली और कारोबार तथा उच्च शिक्षा, और कौशल विकास में आपसी सहयोग को गति देने का है। यह श्रीलंका के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का है।’
भारतीय मूल के श्रीलंकाई तमिलों के लएि 75 करोड़ की परियोजनाएं
मछुआरों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए। मोदी ने यह घोषणा भी की कि श्रीलंका के भारतीय मूल के तमिल नागरिकों के लिए 75 करोड़ रुपये की अनेक परियोजनाएं लागू की जाएंगी और भारत वहां के उत्तरी तथा पूर्वी क्षेत्र में विकास कार्यक्रमों में भी योगदान देगा।
भारत की तरक्की श्रीलंका जैसे पड़ोसियों के लिए भी फायदेमंद, बोले विक्रमसिंघे
श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा, ‘हमारा मानना है कि भारत की प्रगति उसके पड़ोसियों और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए फायदेमंद है।’ मीडिया ब्रीफिंग के बाद विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि दोनों देशों के सामने समुद्री क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई। उन्होंने संकेत दिया कि हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों का मुद्दा भी चर्चा में आया। हिंद महासागर में चीन की मौजूदगी के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हम पड़ोसी हैं। हमारा पुराना और व्यापक रिश्ता रहा है। चिंताओं के बारे में बात करना स्वाभाविक है।’