IAS पूजा खेडकर दोषी पाई जाने पर होंगी सस्पेंड, दो हफ्ते में सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
आईएएस पूजा खेडकर पर गाज गिर सकती है अगर वह दोषी पाई गई तो उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा। कमेटी से विभाग ने 2 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
अपने अधिकारों के कथित दुरुपयोग को लेकर विवादों में घिरीं प्रोबेशन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को दोषी पाए जाने पर सेवा से सस्पेंड किया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि सिविल सर्विस एग्जाम और फिर सर्विस में सेलेक्शन के लिए उनके द्वारा दी गई सभी डाक्यूमेंट्स की गुरुवार को केंद्र द्वारा गठित एक कमेटी द्वारा दोबारा जांच की जाएगी। वर्ष 2023 बैच की आईएएस अधिकारी खेडकर अभी प्रोबेशन पर हैं और वर्तमान में अपने गृह कैडर महाराष्ट्र में तैनात हैं।
लग सकते हैं क्रिमिनल चार्जेस भी
सूत्र ने आगे कहा, "यदि अधिकारी दोषी पाई जाती है तो उन्हें सर्विस से सस्पेंड किया जा सकता है। यदि यह पाया जाता है कि उन्होंने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है या यह पाया जाता है कि उनका सेलेक्शन जिन डाक्यूमेंट के आधार पर किया गया है, उनमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा किया है तो उन्हें क्रिमिनल चार्जेस का भी सामना करना पड़ सकता है।"
कई लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप
34 वर्षीय खेडकर पर इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) में शामिल होने के लिए फिजिकल हैंडिकैप्ड कैटेगरी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों ने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग में एडिशनल सेक्रेटरी मनोज कुमार द्विवेदी की सिंगल मेंबर एनक्वाइरी कमेटी को दो हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
वाशिम में संभाला चार्ज
इस बीच, खेडकर ने गुरुवार को विदर्भ क्षेत्र में वाशिम जिला कलेक्ट्रेट में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी संभाली है। उनका ट्रांसफर पुणे से किया गया था, जहां उन्होंने लोगों को कथित तौर पर धमकाया था और अपनी प्राइवेट ऑडी कार पर लाल बत्ती भी लगाई थी। पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवासे ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गाडरे को लेटर लिखकर कहा था कि वे "प्रशासनिक जटिलताओं" से बचने के लिए खेडकर को दूसरे जिले में तैनाती देने पर विचार करें, जिसके बाद विवादास्पद अधिकारी को वाशिम भेज दिया गया।
खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
IAS दिवासे ने जूनियर कर्मचारियों के साथ कथित आक्रामक व्यवहार, अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के चैंबर पर अवैध कब्जा और ऑडी पर लाल बत्ती लगाने और दिन के समय इसे लगाकर चलने से संबंधित उल्लंघनों सहित उनके व्यवहार के लिए खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
(इनपुट- भाषा)
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