I2U2 Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को डिजिटल माध्यम से I2U2 के पहले शिखर सम्मेलन में शिरकत करने जा रहे हैं। इस सम्मेलन में इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष भी हिस्सा लेंग। यह जानकारी विदेश मंत्रालय की एक प्रेस रिलीज में दी गई है। I2U2 समूह में भारत, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अमेरिका शामिल हैं। चारों देशों की पहल के बाद अक्टूबर 2021 में इसका गठन हुआ था। उस वक्त एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि I2U2 की बैठक का आयोजन अगले साल 13-16 जुलाई के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की मध्य पूर्व की यात्रा के दौरान होगा। इजरायल के प्रधानमंत्री यायर लापिड और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यरूशलम में इस बैठक में हिस्सा लेंगे। वहीं यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद भी डिजिटल माध्यम से इसमें शिरकत करेंगे।
क्या है I2U2 का मतलब?
I2U2 का मतलब है, भारत (इंडिया), इजरायल, यूएई और अमेरिका। भारत में यूएई के राजदूत अहमद अलबाना ने इसे 'वेस्ट एशियन स्क्वाड' भी कहा था। अक्टूबर 2021 में चारों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच एक बैठक हुई थी। इसका आयोजन उस समय हुआ था, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर इजरायल यात्रा पर थे। तब इस समूह का नाम 'इंटरनेशनल फोरम फॉर इकॉनमिक कॉपरेशन' बताया गया था। विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा था कि सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा करने के लिए सभी देशों ने नियमित रूप से बातचीत की है।
I2U2 का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य "पारस्परिक हित के सामान्य क्षेत्रों और व्यापार-निवेश से आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने" पर चर्चा करना है। सभी देशों ने आपसी बातचीत से सहयोग के छह क्षेत्रों के नाम बताए थे- पानी, ऊर्जा, परविहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा। इन सभी क्षेत्रों में संयुक्त निवेश की बात की गई। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि "निजी क्षेत्र के फंड और विशेषज्ञता" की मदद से सभी देश बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण करेंगे, उद्योगों के लिए कम कार्बन उत्सर्जन के रास्ते तलाशेंगे, सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करेंगे और महत्वपूर्ण उभरती और ग्रीन टेक्नोलॉजी के विकास को बढ़ावा देंगे।
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इजराइल के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने कहा कि इस समूह का गठन एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जिसमें भारत की भागीदारी 'बाजी पलटने वाली' साबित हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल माध्यम से इस बैठक में शिरकत करेंगे। इजरायल के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मेजर जनरल याकोव एमिडरोर ने कहा, 'भारत नए देशों को इसमें शामिल करके अब्राहम समझौतों के दायरे को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।' उन्होंने कहा, 'भारत के पास यह कहकर अन्य देशों को समझाने की क्षमता है कि यह दुनिया के हित में है।'
I2U2 समूह की बैठक में खाद्य सुरक्षा संकट और अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, 'इस नए समूह में इजरायल यूरोप को जोड़ने वाला एक पुल है और भारत पूरे संदर्भ में एक और बड़ा व्यापारिक भागीदार है। इस लिहाज से देखें तो यह बाजी पलटने वाला साबित होगा।'
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