कर्नाटक: कांग्रेस के लिए शायद विधानसभा चुनाव जीतना आसान था लेकिन कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन हो-ये तय करना ज्यादा उलझन भरा हो गया है। सीएम तय करने के लिए तीन पर्यवेक्षक कर्नाटक भेजे गए। उसके बाद दो सीएम बनाने की बात निकलकर सामने आई और सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार का नाम सामने आया। सोमवार को दिनभर इसे लेकर माथापच्ची चली लेकिन सीएम का नाम तय नहीं हो सका। फिर मंगलवार को दोनों दावेदारों ने अलग-अलग कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की।
एक तरफ जहां डीके शिवकुमार ने पहले खरगे से मुलाकात की और दावा किया कि उन्हें ही सीएम बनाना जाना चाहिए तो वहीं उसके बाद खरगे से मिलने पहुंचे सिद्धारमैया ने भी अपना पक्ष खरगे के सामने रखा। सिद्धारमैया ने कहा कि ज्यादातर विधायकों का समर्थन मेरे साथ है। पार्टी ने पहले भी कहा था कि जिसके साथ MLA का समर्थन होगा CM वही होगा। तो मेरे साथ विधायकों का समर्थन है तो सीएम म ुझे होना चाहिए।
सिद्धारमैया ने कहा-मैं पार्टी की हर कसौटी पर खरा उतरा
सिद्धारमैया ने आगे कहा कि CM रहते हुए मैंने स्थिर सरकार दी, पार्टी ने जो जनता से वादे किए उन सभी को मैंने पूरा किया। मुझे राज्य में 13 बार बजट पेश करने का अनुभव है, जो 5 गारंटी पार्टी को पूरी करनी है, वो मेरे द्वारा ही सम्भव है। ऐसे में अगर मैं CM बना तो 2024 के चुनाव में राज्य की सामाजिक समीकरण कांग्रेस के पक्ष में रहेगा।
दोनों सीएम पद के उम्मीदवारों के दावे के बाद कांग्रेस के सामने असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अब राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे और फिर सोनिया गांधी से भी मिलेंगे। दोनोंं के साथ बैठक के बाद पार्टी जो फैसला लेगी उसी पर मुहर लगने की संभावना है। अब बुधवार को देखना होगा कि सीएम पद की गुत्थी सुलझ पाती है या नहीं।
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