श्रीनगर: हैदरपुरा एनकाउंटर की जांच कर रहे जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने मंगलवार को कहा कि एक नागरिक विदेशी आतंकवादी के हाथों मारा गया जबकि मकान मालिक एवं एक स्थानीय आतंकवादी की मुठभेड़ में फंस जाने से मौत हुई, क्योंकि घर में छिपे आतंकवादी ने उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। श्रीनगर के हैदरपुरा में 15 नवंबर को मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी एवं 3 अन्य व्यक्ति मारे गये थे। पुलिस ने दावा किया था कि मारे गए सभी व्यक्तियों का आतंकवाद से संबंध था। वही, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जांच पर ही सवाल उठा दिए हैं।
परिवारों ने किया था एनकाउंटर में गड़बड़ी का दावा
हालांकि एनकाउंटर के दौरान मारे गए 3 व्यक्तियों के परिवारों ने दावा किया था कि वे बेगुनाह थे और उन्होंने इस मुठभेड़ में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उसके बाद पुलिस ने जांच का आदेश दिया था। मंगलवार को SIT के प्रमुख उपमहानिरीक्षक सुजीत के सिंह ने एक प्रकार से सुरक्षाबलों को क्लीनचिट दी लेकिन यह भी कहा कि यदि कोई अन्य सबूत सामने आता है तो यह दल अपने निष्कर्ष पर पुनर्विचार करने को तैयार है। SIT प्रमुख ने कहा, ‘अबतक की हमारी जांच से सामने आया है कि डॉ. मुद्दसिर गुल की मकान में छिपे विदेशी आतंकवादी ने हत्या की क्योंकि उसका शव छत पर मिला था। सुरक्षाबल तलाशी के दौरान या बाद के अभियान में छत पर बिल्कुल नहीं गये थे।’
‘आमिर का विदेशी आतंकी के साथ घनिष्ठ संबंध था’
जांच का ब्योरा देते हुए सिंह ने कहा कि जांच से पता चला है कि डॉ. गुल का कर्मचारी आमिर माग्रेय का विदेशी आतंकवादी ‘बिलाल भाई’ से घनिष्ठ संबंध था जो भागने की कोशिश के दौरान अभियान में मारा गया। उन्होंने कहा, ‘मोहम्मद अल्ताफ भट (मकानमालिक) और आमिर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में फंस जाने से मारे गये क्योंकि उन्हें विदेशी आतंकवादी ने मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। यह इस बात से पुष्ट होती है कि अल्ताफ दरवाजे के बाहर मिला (उसे गोलियां लगी थीं) तथा आमिर कुछ और कदम तक जा पाया था। विदेशी आतंकवादी का शव 83 फुट दूर मिला था।’
‘SIT ने अबतक 20 से अधिक गवाहों की गवाही ली’
अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज एवं कॉल रिकॉर्ड का परीक्षण करने के अलावा SIT ने अबतक 20 से अधिक गवाहों की गवाही ली है। उन्होंने कहा, ‘इनमें से 6 गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज किये गये।’ जब सिंह से पूछा गया कि यदि सुरक्षाबलों के पास आतंकवादियों के अंदर छिपे होने की सूचना थी तो आम लोगों को क्यों घर की तलाशी के लिए भेजा गया, उसपर उन्होंने कहा कि भट ने यह कहते हुए खुद ही अंदर जाने की इच्छा प्रकट की थी कि ‘उसे पक्का यकीन है कि अंदर कोई छिपा नहीं है।’
‘आमिर बार-बार बांदीपुरा आ रहा था’
सिंह ने कहा, ‘किसी भी वक्त उनमें से किसी ने भी सुरक्षाबलों को अंदर आतंकवादियों के छिपे होने के बारे में नहीं बताया और न ही कोई मदद मांगी।’ आमिर की संलिप्तता के बारे में SIT प्रमुख ने कहा कि मकान से मिली बोतलें एवं सर्दी के कपड़े जैसे सामान बताते हैं कि वह छिपने का ठिकाना था। उन्होंने कहा, ‘हमने पाया कि आमिर बार-बार बांदीपुरा आ रहा था। कोई क्यों बांदीपुरा बार बार आएगा जब वह (उसका परिवार) 2008 में वहां से चला गया था।’
SIT की जांच से विपक्ष संतुष्ट नहीं
PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि हैदरपुरा मुठभेड़ में SIT द्वारा सुरक्षा बलों को दी गई क्लीन चिट आश्चर्यचकित नहीं करती है। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एक गलत अभियान की लीपापोती करने के लिए की गई। उन्होंने कहा, 'यह विशुद्ध रूप से एक गलत अभियान की लीपापोती करने और बेकसूर नागरिकों की हत्या के दोषियों को दोषमुक्त करने के लिए थी।' वहीं, गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने मंगलवार को कहा कि हैदरपुरा में हुई मुठभेड़ पर पुलिस की प्रेस वार्ता केवल ‘पुरानी कहानी’ की पुनरावृत्ति है और इसने घटना की न्यायिक जांच की मांग की।
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