देश में वायरल इन्फ्लुएंजा H3N2 के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। मौसमी इन्फ्लुएंजा का प्रकोप देश के कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। वहीं कर्नाटक में इस इन्फ्लुएंजा से पहली दो मौतें हो चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 9 मार्च तक देश में एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के अलग अलग प्रकारों के कुल 3,308 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और मार्च में 486 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है। हालांकि इस इन्फ्लुएंजा से संबंधित एक दवाई की जानकारी साझा की गई है।
H3N2 के लिए दवा
केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि इस साल की शुरुआत में टेस्टिंग में कई मरीज पॉजिटिव पाए गए थे। इन्फ्लुएंजा के मामले में नमूनों में एच3एन2 सब टाइप के मामले सबसे अधिक मिले हैं। वहीं सरकार का इस मामले पर कहना है कि डब्ल्यूएचओ ने इसमें ओसेल्टामिविर दवा लेने की अनुशंसा की है। यह दवाई भारत के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है। बता दें कि देश में एच3एन2 इंन्फ्लुएंजा से अबतक 2 लोगों की मौत हो चुकी है।
H3N2 के लक्षण
- तेज बुखार को न करें नजरअंदाज
- लगातार खांसी
- हफ्तों तक रह सकते हैं लक्षण
- लंग एलर्जी जैसे ब्रोंकाइटिस
बता दें कि पिछले महीने एच3एन2 वायरस की चपेट में आए और अस्पताल में भर्ती मरीजों में 92 फीसदी मरीजों में बुखार देखने को मिली, 86 फीसदी लोगों में खासी, 27 फीसदी लोगों में सांस फूलना, 16 फीसदी लोगों में घरघराहट की समस्या थी। वहीं 16 फीसदी लोगों में निमोनिया था और 6 फीसदी लोगों को दौरे पड़ते थे।
इन बातों का जरूर रखें ध्यान
मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक एच3एन2 वायरस से बचाव के लिए इन बातो का ध्यान रखना होगा। जैसे- भीड़ भाड़ वाली जगहों पर न जाएं, अच्छे हाथ और श्वसन स्वच्छता प्रथाओं के साथ साथ प्लू का टीकाकरण कराएं।
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