पीएम मोदी की कैबिनेट में कैसे शामिल हुए जयशंकर, 'आप की अदालत' में सुनाया पूरा किस्सा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आप की अदालत में उस घटना का जिक्र किया कि कैसे उन्हें पीेएम मोदी की कैबिनेट में शामिल होने का ऑफर मिला। जयशंकर ने बताया कि यह उनके सरप्राइज था।
Aap Ki Adalat: विदेश मंत्री एस जयशंकर देश के लोकप्रिय शो आप की अदालत में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए पीएम मोदी की कैबिनेट में बतौर मंत्री शामिल होने का पूरा किस्सा सुनाया। जयशंकर ने बताया कि करीब 40 वर्षों की नौकरी बाद उन्होंने कॉरपोरेट की नौकरी ज्वाइन कर ली थी। जयशंकर टाटा ग्रुप में नौकरी कर रहे थे। इसी बीच 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद उनके पास फोन आया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे मिलना चाहते हैं।
राजनीति में आने का कभी सोचा नहीं, यह सरप्राइज था
जयशंकर ने कहा कि मैं पीएम से मिला। उन्होंने कहा कि आप कैबिनेट ज्वाइन कर लीजिए। मुझे लगा कि उनके हाथ को मजबूत करने के लिए हमें राजनीति में आना होगा। जयशंकर ने बताया कि उनका पूरा परिवार नॉन पॉलिटिकल है। उनके परिवार का कोई भी सदस्य राजनीति में नहीं है। जयशंकर ने कहा कि यह उनके लिए सरप्राइज था। उन्होंने राजनीति में जाने का कभी सोचा भी नहीं था।
हम सुपरनेशनलिस्ट लोग हैं-जयशंकर
जयशंकर ने बताया कि 40 साल की नौकरी में करीब 30 साल वे देश से बाहर रहे। उन्होंने कहा कि जब देश के बाहर आदमी रहता है तो देश के बारे में ज्यादा सोचता है। हम सुपरनेशनलिस्ट लोग हैं क्योंकि राष्ट्रवाद हमारे लिए भाषण का मामला नहीं बल्कि हमारी जिम्मेदारी होती है।
70 हजार सैनिकों को सीमा पर भेजना पड़ा
विदेश मंत्री जयशंकर ने इस शो में भारत-चीन सीमा से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए बताया कि भारत को अचानक 70 हजार सैनिकों को सीमा पर क्यों भेजना पड़ा। उन्होंने कहा- " 2020 में हमारे यहां कोविड के कारण लॉ़कडाउन चल रहा था। चीन ने 1993 और 1996 के समझौतों का उल्लंघन करते हुए एलएसी पर अपनी सेना तैनात करनी शुरू कर दी। अप्रैल-जून 2020 में मोदी जी ने तय किया कि अगर हमें चीन से कोई खतरा है तो हमें काउंटर डिप्लॉय करना चाहिए।
10 साल में ब़ॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दोगुना-तिगुना काम
उन्होंने उस समय पूरी एयर फोर्स और हमारे रेल सिस्टम और रोड सिस्टम की ताकत लगाई। अकेली एयरफोर्स से हमने 70,000 जवानों को एयरलिफ्ट कराया। हमने टैंक को भी एयरलिफ्ट किया। हमने बड़े बड़े गन, ट्रक सब भेजे, उस समय अप्रैल के समय में भी बर्फ होती है। मोदीजी के आने से पहले हमारे बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर पर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा था। उस समय यूपीए के सरकार के समय ऑन रिकॉर्ड कहा गया कि अगर आप बॉर्डर को ऐसे ही छोड़ दें तो चीन भी नहीं आ पायेगा। ये उनकी सोच थी। पिछले दस साल में ब़ॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दो गुना-तीन गुना काम हुआ है।