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Hindi News भारत राष्ट्रीय कौन हैं IPS राकेश बलवाल, जिन्हें दी गई मणिपुर को संभालने की जिम्मेदारी? पुलवामा जांच में भी निभा चुके भूमिका

कौन हैं IPS राकेश बलवाल, जिन्हें दी गई मणिपुर को संभालने की जिम्मेदारी? पुलवामा जांच में भी निभा चुके भूमिका

जुलाई में लापता हुए एक लड़के और लड़की की लाशों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। इसके बाद से ही मणिपुर में हिंसा का दौर एक बार फिर से शुरू हो गया है।

राकेश बलवाल।- India TV Hindi Image Source : FILE राकेश बलवाल।

मणिपुर में बीते कई महीने से जारी हिंसा का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य से लगातार किसी की हत्या और हिंसा की रिपोर्ट सामने आ रही है। हाल ही में राज्य में इंटरनेट से बैन हटते ही दो छात्रों की हत्या की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस घटना के बाद राज्य में फिर से हिंसी भड़क गई। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने मणिपुर में हिंसा पर काबू पाने के लिए श्रीनदगर के एसएसपी IPS राकेश बलवाल को जिम्मेदारी दी है। 

कौन हैं IPS राकेश बलवाल?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर में दोबारा भड़की हिंसा के बाद  श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राकेश बलवाल को वापस मणिपुर में भेज दिया है। राकेश बलवाल 2012 बैच के मणिपुर कैडर के IPS अधिकारी हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती AGMUT कैडर के तहत जम्मू-कश्मीर में की गई थी। जारी किए गए नोटिस में बताया गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने राकेश बलवाल को AGMUT कैडर से मणिपुर कैडर में समय से पहले वापस भेजने के गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

पुलवामा हमले की जांच में थे शामिल
वर्तमान में श्रीनगर के एसएसपी IPS राकेश बलवाल इससे पहले भी कई बड़ी जिम्मेदाकियां निभा चुके हैं। राकेश ने एनआईए टीम का हिस्सा रहते हुए पुलवामा आतंकी हमले उससे संबंधित चीजों पर चार्जशीट पेश की थी। इसके आधार पर कई गिरफ्तारियां की गई थीं। साल 2018 में उन्हें 4 साल की अवधि के लिए एनआईए के पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्ति दी गई थी। 

क्या है मणिपुर के हालात?
मणिपुर में 2 छात्रों की मौत को लेकर चल रहा हिंसक प्रदर्शन गुरुवार की सुबह भी जारी रहा। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों की उग्र भीड़ ने इंफाल वेस्ट में एक डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में तोड़फोड़ की और 2 गाड़ियों में आग लगा दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सुरक्षाबलों को आंसू गैस के कई गोले छोड़ने पड़े। राज्य में  3 मई को भड़की जातीय हिंसा में अब तक 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 

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