Holi Exact Date: होली का त्योहार नजदीक आ गया है लेकिन अबतक बहुतों के मन में यह सवाल है कि आखिर होली कब है। होलिका दहन कब मनाई जाएगी। लेकिन इस लेख के जरिए हम आपको बता देंगे कि आखिर किस तारीख को होली मनाई जानी है और इसपर विशेषज्ञों का क्या कहना है। ज्योतिषियों ने आखिरकार घोषणा कर दी है कि रंगों का त्योहार 8 मार्च है। ज्योतिषियों का कहना है कि 'परेवा' के दिन रंग खेला जाता है, (फागुन महीने का पहला दिन) और होलिका दहन पूर्णिमा (परेवा से पहले पूर्णिमा का दिन) पर किया जाता है। इस साल पूर्णिमा की शाम से 'भद्र काल' शुरू हो रहा है, ऐसे में होलिका दहन के समय को लेकर विवाद है।
कब मनेगी होली, कब जलेगी होलिका
पंडित राजेंद्र कुमार पांडेय ने कहा, सभी जानते हैं कि होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है, लेकिन अधिकांश लोगों को यह नहीं पता कि तिथि और समय कैसे तय होता है। इस साल होलिका दहन और होली को लेकर कुछ भ्रम है। होलिका का शुभ मुहूर्त दहन तीन बातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है- पूर्णिमा की तिथि, सूर्यास्त के बाद का समय (जिसे प्रदोष काल कहा जाता है) और यह तथ्य कि भाद्र काल है या नहीं। यदि पूर्णिमा के साथ भद्रा भी हो, तो होलिका दहन पुच्छ काल के दौरान यानी भाद्र के अंत की ओर किया जा सकता है। लखनऊ में, होलिका दहन 6 और 7 मार्च की रात 12.40 बजे से 2 बजे के बीच किया जा सकता है। क्योंकि पूर्णिमा तिथि 7 मार्च की शाम 6 बजकर 10 मिनट तक रहेगी और इस कारण भी कि होलिका दहन सूर्यास्त के बाद किया जाता है। 8 मार्च को परेवा के दिन रंग खेला जाएगा।
क्या बोले ज्योतिष
पंडित राम केवल तिवारी ने कहा, इस साल होलिका दहन 6 और 7 मार्च की दरम्यानी रात को होगा। समय रात 12 बजकर 40 मिनट से सुबह 5 बजकर 56 मिनट के बीच हो सकता है। यानी होलिका दहन के 24 घंटे बाद ही होली खेली जाएगी। आखिरी बार ऐसा 28 साल पहले 26 मार्च 1994 को हुआ था। होलिका दहन का मुहूर्त रात में केवल कुछ घंटों के लिए हुआ था, क्योंकि उस साल भी पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ी थी, जो सूर्यास्त के बाद शुरू हुई थी और अगले दिन सूर्यास्त से पहले समाप्त हो गई थी।
(इनपुट-आईएएनएस)
ये भी पढ़ें- Ashram Flyover: खुल गया आश्रम फ्लाइओवर, भारी ट्रैफिक से मिला छुटकारा, जानें कौन कर सकता है इस्तेमाल
Latest India News