Bidar News: कर्नाटक के बीदर में मदरसे में घुसकर हिंदुओं ने की थी पूजा? जानिए इस बड़े विवाद का पूरा सच
इंडिया टीवी की तफ्तीश में पता चला कि यह पूजा साल में दो बार होती है। पिछले 2 साल कोरोना की वजह से पूजा नहीं हो पाई लेकिन इस बार दशहरे के मौके पर दुर्गा विसर्जन का बड़ा जुलूस निकाला गया।
Highlights
- मस्जिद के पास हर साल पूजा करते रहे हैं हिंदू।
- मुस्लिम पक्ष ने लगाया था मदरसे में पूजा का आरोप।
- कर्नाटक के गृह मंत्री ने भी कहा- हर साल होती है पूजा।
Bidar News: कर्नाटक के बीदर में सांप्रदायिक तनाव पसरा हुआ है और इसकी वजह दशहरे के दिन एक मस्जिद के पास की गई प्रतीकात्मक पूजा बनी है। 5 सितंबर की रात बीदर की ऐतिहासिक महमूद गवां मस्जिद और मदरसे के पास हिंदुओं ने पूजा की थी। इसका वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम पक्ष ने आरोप लगाया था कि कुछ बदमाशों ने ताला तोड़कर मदरसे में पूजा की, देवताओं की मूर्तियां और तस्वीरें लगाईं। मुस्लिम पक्ष की शिकायत के बाद पुलिस ने FIR दर्ज कर 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि जब इंडिया टीवी ने हिंदू पक्ष से बात की तो कुछ और ही कहानी सामने आई।
मदरसे के पास साल में 2 बार होती है पूजा
इंडिया टीवी की तफ्तीश में पता चला कि यह पूजा साल में दो बार होती है। परंपरा के मुताबिक, दशहरे के दिन हर साल कुछ हिन्दू यहां जाते हैं और पूजा करते हैं। यह भी पता चला कि मदरसे की एक मीनार के पास एक पुराना वट वृक्ष था। इस वट वृक्ष के पास हिन्दू साल में दो बार देवी की पूजा करते हैं। एक बार युगाडी यानी कन्नडा न्यू ईयर के दिन यहां पूजा होती है और दूसरी बार दशहरे की रात यहां पूजा की जाती है। 3 साल पहले बरगद का यह पेड़ गिर गया, लेकिन पूजा जारी रही।
कोरोना की वजह से 2 साल नहीं हुई पूजा
पता चला कि हिंदू उसी जगह पर पूजा करते हैं जहां बरगद का पेड़ हुआ करता था। पिछले 2 साल कोरोना की वजह से पूजा नहीं हो पाई लेकिन इस बार दशहरे के मौके पर दुर्गा विसर्जन का बड़ा जुलूस निकाला गया। चूंकि महमूद गवां मस्जिद और मदरसा नेशनल मॉन्यूमेंट है, इसलिए यहां पूजा करने के लिए प्रशासन से मंजूरी लेनी होती है। विजयदशमी के दिन भी पूजा के लिए परमिशन मांगी गई थी और प्रशासन की तरफ से सीमित संख्या में लोगों को पूजा की इजाजत दी भी गई, लेकिन 3 साल बाद दुर्गा विसर्जन बड़े पैमाने पर हो रहा था तो भीड़ ज्यादा आ गई।
भीड़ ने जोश में लगाए थे धार्मिक नारे
लोगों का एक बड़ा समूह मदरसे के अंदर घुस गया और जहां पहले वट वृक्ष था वहां कुमकुम बिखेरकर और नारियल तोड़कर पूजा की। पता चला कि पूजा के बाद नारेबाजी भी की गई, हालांकि पुलिस और प्रशासन ने किसी तरह की नारेबाजी या धार्मिक उन्माद फैलाने वाली बातें कहने से मना किया था। लोगों द्वारा जोश में नारेबाजी करने के बाद विवाद शुरू हो गया। मुस्लिम पक्ष ने इसी बात को लेकर ऐतराज जताया तो पुलिस ने एक्शन भी लिया। इस मामले में 70 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है और 4 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है।
‘पुलिस ने मुस्लिमों के दवाब में ऐक्शन लिया’
हिंदू संगठनों की तरफ से कहा जा रहा है कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया जो वहां पहले नहीं होता हो। हिन्दू संगठनों का इल्जाम है कि पुलिस ने मुस्लिम समाज के दबाब में हिंदुओं के खिलाफ ऐक्शन लिया है। हिंदू जन जागरण समिति के नेता मोहन गौड़ा ने कहा कि भवानी के भक्त उस जगह पहले भी पूजा करते थे। उन्होंने कहा, 'इस बार यह दुष्प्रचार किया गया है कि हम मस्जिद में जबरदस्ती घुसे थे। इसके चलते भक्तों पर FIR भी हुई जिसकी हम निंदा करते हैं। हमारी मांग है कि भक्तों पर की गई FIR रद्द की जाए और लैंड जिहाद के जरिए ऐतिहासिक इमारतों पर कब्जा करने की संस्कृति बंद हो।'
‘मुस्लिमों ने हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाई’
श्री राम सेना के नेता सिद्ध लिंगास्वामी ने इस मामले पर बोलते हुए कहा, ‘महमूद गवान मदरसा परिसर में पीपल के पेड़ वाली जगह पर पूजा करने की परम्परा काफी अरसे से चली आ रही है। विजयदशमी के दिन भी परम्परा के मुताबिक पूजा करने के लिए लोग गए लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उन्हें ऐसा करने से रोकने की कोशिश की। लोग इस जगह को लक्ष्मी के मंदिर की तरह देखते हैं और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदुओं को रोककर उनकी आस्था को चोट पहुंचाने का काम किया है।’
मुस्लिम पक्ष ने कहा- ताला तोड़कर मदरसे में घुसे
वहीं, मुस्लिम पक्ष का इल्जाम है कि लोग मदरसे में ताला तोड़कर घुसे। सैकड़ों लोगों ने परिसर में पूजा करके मुसलमानों की भावनाओं को आहत किया। AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि कर्नाटक की बीजेपी सरकार मुसलमानों को नीचा दिखाने के लिए ऐसी घटनाओं को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि इसीलिए ऐतिहासिक महमूद गवां मस्जिद और मदरसे में उपद्रवियों ने गेट का ताला तोड़ दिया और मस्जिद को अपवित्र करने की कोशिश की। उन्होंने सवाल किया कि बीदर पुलिस और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ऐसा कैसे होने दे सकते हैं?
इस मामले में क्या है कर्नाटक सरकार का पक्ष?
बीदर के मुसलमानों ने भी इस घटना के विरोध में प्रोटेस्ट किया जिसके बाद मस्जिद और मदरसे के पास पुलिस तैनात कर दी गई। हालांकि कर्नाटक सरकार मामले को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं हैं। सूबे के गृह मंत्री ए. ज्ञानेंद्र ने कहा कि यहां हर साल पूजा होती है। इस बार भीड़ ज्यादा थी इसलिए गलतफहमी हो गई। पुलिस इस मामले में ऐक्शन ले रही है। बीदर में हुई हिंसा को लेकर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।