हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में लंबलू ग्राम पंचायत ने मादक पदार्थों और शराब के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखते हुए उन परिवारों को सम्मानित करने का फैसला किया है जो विवाह समारोह के दौरान शराब और अन्य नशीले पदार्थ परोसने से परहेज करेंगे। इस निर्णय की घोषणा ग्राम प्रधान करतार सिंह चौहान ने मंगलवार को पंचायत की बैठक के दौरान की। अपने जन कल्याण कार्यों के लिए प्रसिद्ध इस ग्राम पंचायत ने पहले ही धूम्रपान या शराब का सेवन करने वालों को दंडित करने का निर्णय लिया था।
लंबलू ग्राम पंचायत को नशा मुक्त बनाना है लक्ष्य
चौहान ने बुधवार को बताया कि लंबलू ग्राम पंचायत को नशा मुक्त बनाने के लिए अभियान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत के अधिकतर परिवारों ने विवाह समारोहों में तंबाकू उत्पादों और नशीले पदार्थों का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दिया है। चौहान ने कहा, ‘‘निकट भविष्य में मैं उन परिवारों को और खास कर महिलाओं को सम्मानित करूंगा जो विवाह समारोहों में नशीले पदार्थ नहीं परोसते।’’
बैठक में वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना पर चर्चा की गई और ग्रामीणों ने आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से संबंधित समस्याएं उठाईं। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि पेड़ों की कटाई, कीमत व भुगतान पंचायत की अनुमति से ही किया जाएगा।
11 सालों से शराब पर पाबंदी
वहीं, आपको बता दें कि हिमाचल में एक गांव ऐसा भी है, जहां पिछले 11 सालों से शादी समारोह या अन्य जश्न के मौकों पर शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित है। वर्षों पहले बनाए गए नियमों को आज की युवा पीढ़ी भी कायम रखे हुए है। बात सिरमौर जिला के उपमंडल पांवटा साहिब की बनौर पंचायत के धनवासा गांव की हो रही है। इस गांव ने एक बार फिर इस दिशा में मिसाल पेश किया है। वर्षों पहले बनाए गए नियम को क्षेत्रवासी आज भी कायम रखे हुए हैं। दरअसल, इस गांव में शादी समारोह में पिछले 10 सालों से शराब पर पूर्ण रूप से पाबंदी है। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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