शिमला: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में कई उठापटक के बाद अब मामला शांत होता हुआ दिख रहा है। कांग्रेस आलाकमान ने संगठन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय के लिए कांग्रेस की ओर से छह सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया गया है। इस समिति में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मंत्री विक्रमादित्य सिंह, कॉल सिंह ठाकुर और धनीराम सांदिल को जगह दी गई है।
6 विधायकों ने की है बगावत
बता दें कि पिछले महीने राज्यसभा चुनाव के बाद हिमाचल सरकार पर संकट आ गया था। कहा जाने लगा था कि अब शायद ही सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार बच सके। कांग्रेस के 6 विधायकों ने बगावत कर दी थी और राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की थी। इसके साथ ही सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया था। हालांकि कई दौर की बातचीत के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था।
इस दौरान कांग्रेस आलाकमान ने हालात को सुधरने के लिए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा। तीनों नेताओं ने मुख्यमंत्री सुक्खू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह समेत कई नेताओं से मुलाकात की थी। इस दौरान तय हुआ कि आलाकमान एक समन्वय समिति बनाएगा। अब आज इसी समिति के सदस्यों का ऐलान कर दिया गया।
सुक्खू ने बीजेपी पर बोला हमला
वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए अनुचित और अलोकतांत्रिक तरीके अपनाने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि ‘‘हम राजनीतिक चुनौतियों से नहीं डरते।’’ सोलन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सुक्खू ने कहा, ‘‘हम राजनीतिक चुनौतियों से डरते नहीं हैं। हम हर चुनौती का दृढ़ता से सामना करेंगे और 2032 तक आत्मनिर्भर हिमाचल के सपने को साकार करेंगे।’’
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