हिमाचल: खेतों तक पहुंची जंगल की आग, बुझाने गई बुजुर्ग महिला जिंदा जली
हमीरपुर जिले में 15 दिन में जंगल की आग से मौत की यह दूसरी घटना है। इससे पहले 29 मई को चकमोह क्षेत्र में जंगल में आग के दौरान एक महिला की दम घुटने से मौत हो गई थी।
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में जंगल में आग लगने से 75 वर्षीय एक महिला जिंदा जल गई। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मृतका की पहचान हमीरपुर के बगैतू गांव की निवासी निक्की देवी के रूप में हुई है। जंगल की आग निक्की देवी के खेतों तक पहुंच चुकी थी, जिसे वह बुझाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह खुद उसकी चपेट में आ गयी और जिंदा जल गईं। शव को पोस्टमार्टम के बाद परिवार वालों को सौंप दिया गया है। हमीरपुर जिले में 15 दिन में जंगल की आग से मौत की यह दूसरी घटना है। इससे पहले 29 मई को चकमोह क्षेत्र में जंगल में आग के दौरान एक महिला की दम घुटने से मौत हो गई थी।
गर्मी के मौसम में उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के सूखे जंगलों में अक्सर आग लग जाती है। इससे काफी परेशानी होती है और वन संपदा का भी भारी नुकसान होता है। जंगल के पेड़ और जानवर भी जल जाते हैं। कई जानवरों की मौत भी हो जाती है।
जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड में भी आग
जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड के जंगलों में भी आगजनी की कई घटनाएं सामने आई हैं। उत्तराखंड में आठ वनकर्मी जंगल की आग बुझाने के लिए गए थे, लेकिन आग की चपेट में आ गए और झुलस गए। इनमें से चार कर्मियों की मौत हो गई, जबकि अन्य चार बुरी तरह झुलसे हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है।
उत्तरकाशी में एक दर्जन से ज्यादा मकान जले
उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक के सालरा गांव में सोमवार को आग लगने से छह व्यक्ति घायल हो गए जबकि एक दर्जन से अधिक मकान जलकर खाक हो गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आग एक मकान में शार्ट सर्किट की वजह से लगी जो जल्द ही आसपास के अन्य मकानों में भी फैल गयी। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि आग में दस रिहायशी मकान पूरी तरह से जलकर क्षतिग्रस्त हो गए जबकि चार अन्य आंशिक रूप से जल गए हैं। उन्होंने कहा कि छह व्यक्ति मामूली रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि आग पर राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) और दमकल विभाग द्वारा स्थानीय लोगों की मदद से नियंत्रण पाया गया। उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि गांव मुख्य सड़क से आठ किलोमीटर दूर है और पानी का निकटस्थ स्रोत भी वहां से करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर है। उन्होंने कहा कि इसी कारण दमकल को आग बुझाने में ज्यादा समय लगा। उन्होंने बताया कि एक मेडिकल टीम, वन विभाग के कार्मिकों और पशु चिकित्सकों की एक टीम को मौके पर भेजा गया है।