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Hindi News भारत राष्ट्रीय Hijab Controversy: जिन्हें ड्रेस कोड पसंद नहीं वे बच्चों को बिना ड्रेस कोड वाले स्कूल में भेजें: CPI नेता

Hijab Controversy: जिन्हें ड्रेस कोड पसंद नहीं वे बच्चों को बिना ड्रेस कोड वाले स्कूल में भेजें: CPI नेता

सीपीआई नेता ने कहा कि जिन लोगों को स्कूलों का ड्रेस कोड पसंद नहीं है, उन्हें चाहिए कि वे अपने बच्चों का वैसे स्कूल-कॉलेज में नामांकन करायें जहां ड्रेस कोड नहीं है और अपने मन माफिक पोशाक पहनने की छूट है।

CPI leader Hijab, CPI leader Hijab Statement, CPI on Hijab, Hijab News, Karnataka Hijab- India TV Hindi Image Source : PTI Solapur: Police arrests the party members of MIM as they participated in a protest rally over the Hijab controversy in Karnataka.

Highlights

  • CPI के वरिष्ठ नेता केडी सिंह ने कहा कि देश में ड्रेस कोड को लेकर हो रही बहस बेकार की बातें हैं।
  • केडी सिंह ने कहा कि जिन्हें ड्रेस कोड नहीं चाहिए वे अपने बच्चों का वैसे स्कूल-कॉलेज में नामांकन करायें जहां ये नहीं है।
  • सिंह ने कहा कि जिन स्कूलों में ड्रेस कोड तय है वहां उनके नियमों का पालन होना ही चाहिए।

मेदिनीनगर (झारखंड): भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के वरिष्ठ नेता एवं झारखंड के पूर्व प्रदेश पार्टी सचिव केडी सिंह ने गुरुवार को कहा कि जिन लोगों को स्कूलों का ड्रेस कोड पसंद नहीं है, उन्हें चाहिए कि वे अपने बच्चों का वैसे स्कूल-कालेज में नामांकन करायें जहां ड्रेस कोड नहीं है। सिंह ने कहा कि देश में ड्रेस कोड को लेकर हो रही बहस बेकार की बातें हैं क्योंकि जिन लोगों को स्कूलों का ड्रेस कोड पसंद नहीं है, उन्हें चाहिए कि वे अपने बच्चों का वैसे स्कूल-कॉलेज में नामांकन करायें जहां ड्रेस कोड नहीं है और अपने मन माफिक पोशाक पहनने की छूट है।

‘स्कूलों के नियमों का पालन होना चाहिए’
सिंह ने कहा कि जिन स्कूलों में ड्रेस कोड तय है वहां उनके नियमों का पालन होना ही चाहिए। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में मुस्लिम छात्राओं के बुर्का पहन कर स्कूलों में जाने की जिद के मामलों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि जो काम कार्यपालिका (सरकार) के स्तर से ही होना चाहिए था उसके लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाकर समाधान खोजना मानसिक दिवालियापन के अतिरिक्त कुछ नहीं है।

‘जहां ड्रेस कोड नहीं वहां पहनें अपने मन के कपड़े’
सीपीआई के पूर्व राज्य सचिव ने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में ड्रेस कोड के अपने अर्थ हैं और इसका परिपालन शैक्षणिक एवं अन्य एजेंसियों की पहचान के लिए होती है तथा इसे लेकर सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में बवाल खड़ा करना उचित नहीं है। सिंह ने कहा, ‘जिन स्कूलों में अपना ड्रेस कोड है उनका पालन होना ही चाहिए और जिन अन्य शैक्षणिक संस्थानों में कोई ड्रेस कोड तय नहीं है, वहां अपने-अपने पसंद से परिधान पहनने की स्वतंत्रता हरेक विद्यार्थी को है।’

‘कर्नाटक में उत्पन्न विवाद का संबंध राजनीतिक है’
सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘दरअसल कर्नाटक में उत्पन्न विवाद का संबंध राजनीतिक है और हिजाब को लेकर हो रही परिचर्चा के निहितार्थ 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव से है।’ उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड को मुद्दा बनाकर राजनीति की रोटी सेंकना किसी भी सूरत में देश को मंजूर नहीं है तथा इसका किसी धर्म-मजहब-संप्रदाय से कोई संबंध नहीं है।

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