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Hindi News भारत राष्ट्रीय Hijab Controversy: हिजाब पहनकर स्कूल आने पर अड़ी छात्राओं की मुख्य परीक्षा छूटने का मंडरा रहा खतरा

Hijab Controversy: हिजाब पहनकर स्कूल आने पर अड़ी छात्राओं की मुख्य परीक्षा छूटने का मंडरा रहा खतरा

एसएसएलसी (कक्षा 10) और 2 पीयूसी (कक्षा 12) के लिए वार्षिक परीक्षाएं अप्रैल में आयोजित होने वाली हैं। अधिकारियों ने छात्रों को हॉल टिकट जारी करना शुरू कर दिया है। हालांकि, कुछ प्रदर्शनकारी छात्र अपने हॉल टिकट लेने से इनकार कर रहे हैं।

<p>Burqa-clad girl</p>- India TV Hindi Image Source : PTI (REPRESENTATIONAL IMAGE) Burqa-clad girl

Highlights

  • एसएसएलसी (कक्षा 10) और 2 पीयूसी (कक्षा 12) के लिए वार्षिक परीक्षाएं अप्रैल में आयोजित
  • कुछ प्रदर्शनकारी छात्र अपने हॉल टिकट लेने से इनकार कर रहे हैं

बेंगलुरु: कर्नाटक की छात्राएं, खासकर 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्राएं, जो हिजाब के बिना परीक्षा में बैठने के लिए तैयार नहीं हैं, उनकी वार्षिक परीक्षा छूटने की संभावना है। कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के अनुसार, छात्रों को कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है। एसएसएलसी (कक्षा 10) और 2 पीयूसी (कक्षा 12) के लिए वार्षिक परीक्षाएं अप्रैल में आयोजित होने वाली हैं। अधिकारियों ने छात्रों को हॉल टिकट जारी करना शुरू कर दिया है। हालांकि, कुछ प्रदर्शनकारी छात्र अपने हॉल टिकट लेने से इनकार कर रहे हैं।

उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने छात्रों को पूरक परीक्षा (स्पलीमेंट्री एग्जाम) में बैठने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है, जो परीक्षा में असफल होने और पुन: परीक्षा का विकल्प चुनने वालों के लिए आयोजित की जाएगी। विजयनगर जिले के अधिकारियों ने लगभग 250 प्री-यूनिवर्सिटी (पीयू) और 80 स्नातक कॉलेजों के लिए निषेधाज्ञा जारी रखी है। कई छात्राओं ने हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने का आग्रह करते हुए परीक्षा का बहिष्कार किया है।

राज्य भर के पीयू कॉलेजों में अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित 1.25 लाख छात्र पढ़ते हैं और इनमें करीब 84,000 छात्राएं हैं। सूत्रों ने कहा कि हिजाब पर जोर देने वाली लड़कियों की संख्या 1,000 के करीब है और जैसे-जैसे परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं, उनकी संख्या भी कम होती जा रही है।

शिक्षा मंत्री बी. सी. नागेश ने कहा कि वर्दी में आने वालों को कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन हिजाब पहनने वाली छात्राओं के प्रति प्रशासन उदार नहीं हो सकता।

(इनपुट- एजेंसी)

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