नयी दिल्ली: कर्नाटक में हिजाब विवाद के केंद्र में रही छात्रा का उत्तर प्रदेश में अपने एक स्थानीय पदाधिकारी द्वारा समर्थन किये जाने के कुछ ही घंटों बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मुस्लिम शाखा ने गुरुवार को पदाधिकारी के बयान से दूरी बना ली। साथ ही, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा कि कुछ कट्टर व्यक्ति देश का माहौल बिगाड़ने के लिए छात्रा का दुरूपयोग कर रहे हैं। मंच ने एक बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि वह इस तरह के कट्टरपंथ और धार्मिक उन्माद का समर्थन नहीं करता है और कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं के लिए ‘ड्रेस कोड’ लागू करने के कदम का समर्थन करता है।
मंच के संस्थापक एवं RSS के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने एक वीडियो संदेश में कहा कि हिजाब को लेकर जारी विवाद देश के सौहार्द्र एवं शांति में खलल डालने की कुछ कट्टर लोगों के नापाक मंसूबों का एक बर्बर चेहरा है। उन्होंने हिजाब विवाद से जुड़े पूरे प्रकरण की गहन जांच की भी मांग की। इससे पहले दिन में, मंच के प्रांत संचालक (अवध) अरूण सिंह ने कहा था कि पर्दा भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने कहा था, ‘वह हमारे समुदाय की बेटी और बहन है, हम इस संकट के समय में उसके साथ खड़े हैं।’
बयान में कहा गया कि अगर लड़की ने अपने शैक्षणिक संस्थान के ड्रेस कोड का उल्लंघन किया, केवल तभी उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। सिंह ने कहा कि युवकों के समूह द्वारा 'जय श्री राम' का नारा लगाकर लड़की को परेशान किया जाना, अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियां हिंदुत्व के खिलाफ है। उन्होंने कहा, 'हमारे सर संघचालक का कहना है कि मुस्लिम हमारे भाई हैं और दोनों समुदायों का डीएनए एक समान है। इसलिए, मैं हिंदू समुदाय के सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे मुस्लिमों को अपने भाई-बहन की तरह स्वीकार करें।'
मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने एक बयान में कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि न तो मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, ना ही इसके मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार इस तरह की किसी चीज का समर्थन करते हैं।’ (भाषा)
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