Heavy rain in Jharkhand: कम बारिश के कारण सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे झारखंड में सोमवार से अगले तीन दिनों के दौरान कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार से भारी बारिश होने की संभावना है और यह मंगलवार और बुधवार को और बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, ''वर्तमान में एक निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम और ओडिशा से सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों पर स्थित है।'' रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने भाषा को बताया, ''अगले 48 घंटों के दौरान ओडिशा तट के करीब बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र के चलते झारखंड के लगभग सभी इलाकों में सोमवार से अगले कई दिनों तक तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा होने की संभावना है।''
दक्षिणी और मध्य हिस्सों के लिए 'येलो अलर्ट' जारी
उन्होंने बताया कि कम बारिश के कारण सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे झारखंड में सोमवार से तीन से चार दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र ओडिशा के तट से सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों पर बना हुआ है जिसके चलते राज्य के अधिकतर इलाकों में लगभग 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और जमकर बारिश भी होगी। आनंद ने बताया कि मध्य एवं दक्षिणी झारखंड में विशेषकर अधिक वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने झारखंड के दक्षिणी और मध्य हिस्सों के लिए 'येलो अलर्ट' भी जारी किया है। जिसमें 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, भारी बारिश होने की संभावना है और इस दौरान कई स्थानों पर बिजली भी गिर सकती है।
राज्य में इस साल बहुत कम हुई बारिश
आनंद ने बताया कि सोमवार को पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा, गुमला, खूंटी, रांची और लोहरदगा जिलों में तेज हवा के साथ भारी बारिश हो सकती है। उन्होंने बताया कि राज्य में एक जून से सात अगस्त तक 303.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य रूप से इस अवधि में राज्य में 581.9 मिलीमीटर वर्षा होती है। राज्य में इस मानसून में जामताड़ा और पाकुड़ दो सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिले हैं, जहां क्रमशः 71 प्रतिशत और 70 प्रतिशत वर्षा की कमी है। राज्य के 24 जिलों में से छह जिले 60 प्रतिशत से अधिक वर्षा की कमी झेल रहे हैं जबकि आठ जिले 50 प्रतिशत से अधिक वर्षा की कमी का सामना कर रहे हैं। सात अन्य जिलों में 40 प्रतिशत से ज्यादा वर्षा की कमी देखी जा रही है।
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