'उसने मुझे गले लगाया और...', डॉक्टर ने अपने सीनियर पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप
केरल की एक महिला डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि इंटर्नशिप के दिनों के दौरान एक सीनियर डॉक्टर ने उसका यौन उत्पीड़न किया था।
कोच्चि: केरल में एक युवा महिला डॉक्टर ने कोच्चि के जनरल अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर पर यौन उत्पीड़न करने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने कहा है कि उन्होंने 4 साल पहले अपने निजी परामर्श कक्ष में उन्हें जबरदस्ती गले लगाया था और माथा चूमा था। पीड़िता ने फेसबुक पर एक पोस्ट में यह आरोप लगाए जिसके बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को शिकायत की जांच के आदेश दिए। कथित घटना फरवरी 2019 में हुई थी।
‘मैंने डॉक्टर के खिलाफ शिकायत करने की कोशिश की थी’
मंत्री ने एक बयान में कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य सेवा निदेशक को मामले की जांच करने और यौन शोषण की घटना की सूचना पुलिस को देने का निर्देश दिया है। फेसबुक पोस्ट में डॉक्टर ने दावा किया कि मेडिसिन विभाग के तत्कालीन प्रमुख ने हॉस्पिटल क्वॉर्टर के बाहर अपने निजी परामर्श कक्ष में उन पर ‘सेक्शुअल असाल्ट’ किया था। यह डॉक्टर मौजूदा समय में विदेश में कार्यरत है। पीड़िता ने कहा कि वह उस समय एक ट्रेनी थी और उसने एक सीनियर डॉक्टर के खिलाफ आधिकारिक शिकायत करने की कोशिश की थी।
‘डॉक्टर ने मुझे गले लगाया और मेरे चेहरे को चूम लिया’
पीड़िता ने लिखा, ‘मैं अकेली थी क्योंकि शाम के 7 बज रहे थे और मैं वापस जाने के लिए तैयार हो रही थी। उसने मुझे गले लगाया और मेरे चेहरे पर चूमा। मैं सहम गई और खुद को दूर कर लिया। मैंने अगले दिन उच्च अधिकारियों से शिकायत की। शुरुआत में कोई कार्रवाई नहीं की गई। मेरी ट्रेनिंग जारी थी और मैंने आगे कोई शिकायत नहीं की क्योंकि वह एक सीनियर डॉक्टर था और वह मेरे इंटर्नशिप सर्टिफिकेट पर असर डाल सकता था। मैं डर गई थी।’ पीड़िता ने कहा कि सीनियर डॉक्टर को हाल ही में दूसरे अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया।
मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश
पीड़िता ने कहा कि डॉक्टर का प्रमोशन रोकने के अलावा उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। महिला डॉक्टर ने कहा कि इस मुद्दे पर खुलकर बात करने में उन्हें कई साल लग गए। मंत्री वीना जॉर्ज ने फेसबुक पोस्ट पर संज्ञान लिया और आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। मंत्री के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि स्वास्थ्य विभाग यह भी जांच करेगा कि क्या 2019 में घटना को दबाने की कोई कोशिश की गई थी। स्वास्थ्य विभाग का विजिलेंस डिपार्टमेंट भी मामले की जांच करेगा जबकि पुलिस ने कहा कि शिकायत मिलने पर वे जांच शुरू करेंगे।