चंडीगढ़: हरियाणा सरकार के हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियम, 2022 को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। यानी अब हरियाणा में शादी के लिए धर्म परिवर्तन की इजाजत नहीं होगी। हरियाणा के राज्यपाल ने शादी के लिए धर्मांतरण पर रोक लगाने वाले कानून को मंजूरी दे दी है। हरियाणा विधानसभा में कानून की मंजूरी के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा गया था। इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
नियम तोड़ने पर होगी ये सजा
अगर कोई शख्स इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसे 3 से 10 साल तक की जेल होगी। जबरन धर्म परिवर्तन किए जाने पर पीड़ित लोग अब कोर्ट की शरण ले सकेंगे। कोर्ट पीड़ित और आरोपी की आय को ध्यान में रखकर पीड़ित के भरण-पोषण और कार्रवाई का खर्चा देने का आदेश जारी कर सकेगी। इस कानून में बच्चा होने के बाद भी पीड़ित कोर्ट की शरण ले सकेंगे।
क्या हैं नियम?
जबरन धर्म परिवर्तन के बाद अगर बच्चा हो जाता है और महिला या पुरुष शादी से संतुष्ट नहीं हैं तो भी वो दोनों कोर्ट की शरण ले सकेंगे। कोर्ट ये आदेश देगा कि बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए भी भरण पोषण राशि दोनों या आरोपी को देनी होगी। इस एक्ट की धारा 6 के तहत विवाह को अमान्य घोषित करने का भी प्रावधान किया गया है।
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