Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले की गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस पीएल नरसिम्हा की बेंच सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह हिन्दू श्रद्धालुओं की ओर से दायर दीवानी मुकदमे की स्वीकार्यता के सिलसिले में ज्ञानवापी मस्जिद समिति की आपत्तियों पर वाराणसी जिला जज के निर्णय का इंतजार करेगा। जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पी.एस.नरसिम्ह की पीठ ने कहा कि वह विवादित स्थल के सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति को वैध ठहराने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की अपील को अक्टूबर के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए स्थगित कर रही है।
"जिला जज के समक्ष सुनवाई अब भी जारी"
पीठ ने कहा कि उसे इस तथ्य से अवगत कराया गया है कि जिला जज के समक्ष सुनवाई अब भी जारी है और मुकदमे की स्वीकार्यता के विषय पर आदेश-सात, नियम-11 के तहत दायर अर्जी का परिणाम आने तक मस्जिद समिति की अपील को लंबित रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिन्दू श्रद्धालुओं की ओर से दायर दीवानी मुकदमे को 20 मई को सीनियर सिविल जज के पास से वाराणसी के जिला जज को स्थानांतरित कर दिया था। साथ ही, कहा था कि मामले की जटिलता और संवेदनशीलता को देखते हुए यह बेहतर होगा कि 25-30 साल अनुभव वाले कोई वरिष्ठ जज इसकी सुनवाई करें।
सर्वे टीम को वजूखाने में मिला था शिवलिंग जैसा स्ट्रक्चर
आपको बता दें कि सर्वे टीम को सर्वे के आखिरी दिन 16 मई को वजूखाने से एक स्ट्रक्चर मिला था जो दिखने में शिवलिंग जैसा था। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि ये ज्ञानवापी का शिवलिंग है जो मंदिर में मौजूद था जिसे मस्जिद में छिपा दिया गया। कहानी में तब पेंच फंस गया जब मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग के स्ट्रक्चर को फव्वारा बताया लेकिन अब उसी पर हिंदू पक्ष का दावा है कि वो शिवलिंग है लेकिन उसे फव्वारा बनाया गया है एक बड़ी साजिश के तहत और उसके सबूत भी मौजूद है।
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