हरियाणा के गुरुग्राम में महापंचायत में मुसलमानों के बहिष्कार से जुड़ी घोषणा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से आज ही मामले में सुनवाई की मांग की। सिब्बल ने कहा कि महापंचायत में कहा गया कि अगर कोई मुस्लिम को रोजगार देगा, तो वह गद्दार होगा। सिब्बल ने कहा कि हमने मामले में अर्जी दाखिल की है, कृपया आप लंच के बाद सुने। फिलहाल चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने आज सुनवाई को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया है।
दंगों के अलावा ऐसी कई घटनाओं का जिक्र
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सीजेआई के समक्ष याचिका पेश की है। इस दौरान सिब्बल ने महापंचायत में मुसलमानों के लिए की गई घोषणा का जिक्र किया। याचिका में गुरुग्राम में हुए सांप्रदायिक दंगों के अलावा कई ऐसी घटनाओं का जिक्र किया गया है, जिससे समाज में शांति व्यवस्था बिगड़ सकती है।
हिंसा के बाद अलग-अलग राज्यों में 27 रैलियां
याचिका के मुताबिक, नूंह में हिंसा के बाद अलग-अलग राज्यों में 27 रैलियां निकाली गई हैं। इन रैलियों के दौरान नफरत भरे भाषण दिए गए और मुस्लिम की बेरहमी से हत्या और उनका सामाजिक व आर्थिक बहिष्कार करने की बात भी कही गई थी। याचिका में 1 अगस्त से लेकर 7 अगस्त तक आयोजित की गई विभिन्न रैलियों का जिक्र किया गया है।
मुस्लिम समुदाय के बहिष्कार को लेकर दावे
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि रहवासियों और दुकान मालिकों को यह चेतावनी दी गई है कि अगर वो मुस्लिमों को नौकरी पर रखते हैं या फिर मुस्लिम समुदाय के लोगों को किराया पर घर देते हैं, तो उनका बहिष्कार किया जाएगा। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में विभिन्न जगहों पर रैलियां आयोजित की गई थीं।
रैलियों में नफरती भाषण पर रोक की मांग
याचिका में गुहार लगाई गई है कि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर, उत्तराखंड के डीजीपी, उत्तर प्रदेश के डीजीपी, हरियाणा के डीजीपी और इस तरह की अन्य अथॉरिटी को यह सुनिश्चित करने के लिए आदेश दें कि इस तरह की रैलियों में नफरती भाषण की इजाजत नहीं दी जीए और इसे रोका जाए।
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