नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफआपराधिक मुकदमा चलाने पर गुजरात हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। इससे पहले अहमदाबाद की ट्रायल कोर्ट ने इस मामले पर स्थगन आदेश देने से इनकार कर दिया था। वीके सक्सेना ने अहमदाबाद ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। वीके सक्सेना की इस अर्जी पर आज गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत दे दी है।
मेधा पाटकर के साथ मारपीट का आरोप
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने 2002 में वीके सक्सेना और तीन अन्य के खिलाफ कथित तौर पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने उनके खिलाफ दंगा करने और गैरकानूनी सभा करने का आरोप भी दर्ज किया था। यह घटना अहमदाबाद के साबरमती गांधी आश्रम में हुई थी।
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने निचली अदालत में याचिका दाखिल कर खुद पर चल रहे आपराधिक मुकदमे पर रोक लगाने की मांग गी थी। उन्होंने कोर्ट में कहा था कि वे दिल्ली के उपराज्यपाल के पद पर हैं और एक संवैधानिक पद पर होने की वजह से आपराधिक मामले के ट्रायल में राहत मिलनी चाहिए। लेकिन निचली अदालत से उन्हें राहत नहीं मिली जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था।
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