चेन्नई: तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) में डायरेक्टिंग स्टाफ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बुधवार को कुन्नूर के पास हुए दुर्भाग्यपूर्ण एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र अधिकारी हैं। उन्हें तकरीबन 80-85 प्रतिशत तक झुलस गए हैं। वह इस समय लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं और अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह जानकारी तमिलनाडु सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। शौर्य चक्र वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले सिंह बुधवार की रात सर्वाइव करने में सफल रहे हैं और डीएसएससी में उनके ठीक होने की प्रार्थना है।
सिंह का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम ने कोई आश्वासन नहीं दिया है और अगले 48 घंटे गंभीर हैं। पुणे और बेंगलुरु से डॉक्टरों की एक्सपर्ट टीम बुलाई गई है, जो इनका इलाज कर रहे हैं। वायुसेना अध्यक्ष भी अस्पताल में ही मौजूद हैं। पिता भी अस्पताल के लिए रवाना हो चुके हैं। पूरा देश और उनका परिवार उनके लिए पूजा-अर्चना और दुआ कर रहा है। सिंह को हाल ही में विंग कमांडर से ग्रुप कैप्टन के रूप में पदोन्नत किया गया था और वह हाल ही में डीएसएससी में शामिल हुए थे।
दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर पर सवार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत और अन्य अधिकारियों सहित अन्य सभी 13 लोगों का निधन हो गया था। सभी Mi 17V5 हेलिकॉप्टर से डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज (DSSC) जा रहे थे जहां उन्हें शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करना था। कुन्नूर के सैन्य अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा दी गई प्रक्रिया के अनुसार राज्य सरकार के डॉक्टर और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया गया।
कुन्नूर हादसे पर लोकसभा में अपना बयान देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि हादसे से पहले हेलिकॉप्टर का संपर्क 12.08 बजे एटीएस से टूट गया था। स्थानीय लोगों ने हेलिकॉप्टर को जलते देखा। हेलिकॉप्टर में आग लग गई थी। सिंह ने कहा, ''भारतीय वायु सेना ने हेलिकॉप्टर दुर्घटना की ट्राई-सर्विस इंक्वायरी के आदेश दिए हैं। जांच की अगुवाई एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह करेंगे। वायुसेना की जांच टीम कल ही वेलिंगटन पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।''
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