नयी दिल्ली: सरकार ने पिछले पांच साल के दौरान भक्तिमार्गी संत रामानुजार्य, गुरु नानक देव, गुरु रविदास, परमहंस योगानंद और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवंती नंदन बहुगुणा सहित विभिन्न हस्तियों की जयंती मनाने पर करीब 616 करोड़ व्यय किए गए। संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने जवाहर सरकार के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि इस दौरान गुरु गोबिन्द सिंह की 350वीं जयंती, सतगुरु राम सिंह की 200वीं जयंती, रामानुजाचार्य की 1000वीं जयंती, गुरु नानक देव की 550वीं जयंती, परमहंस योगानंद की 125वीं जयंती, हेमवंती नंदन बहुगुणा का शताब्दी स्मरणोत्सव, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती और जैनाचार्य विजय वल्लभ सुरेश्वर की 150वीं जयंती मनायी गयी। रेड्डी ने कहा कि इनके साथ ही दत्तोपनाथ थेंगड़ी की जन्मशती, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती, सत्यजीत रे की जन्मशती, संत शिरोमणि गुरु रविदास की 644वीं जयंती और पंडित भीमसेन जोशी की जन्मशती भी मनायी गयी।
तृणमूल कांग्रेस सदस्य सरकार ने सवाल किया था कि विगत पांच साल के दौरान सरकार द्वारा किन-किन प्रतिष्ठित व्यक्तियों के उल्लेखनीय जीवन पर समारोह आयोजित किया गया है और ऐसे समारोहों पर कुल कितनी व्यय हुआ है। रेड्डी ने बताया कि ऐसे आयोजनों पर 2017-18 में 150.06 करोड़ रुपये खर्च किए गए जबकि 2018-19 में 159.10 करोड़ रुपये; 2019-20 में 102.73 करोड़ रुपये; 2020-21 में 79.42 करोड़ रुपये, 2021-22 में 125.59 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि सरकार महान समाज एवं धर्म सुधारक राजाराम मोहन राय की 250वीं जयंती पर भी कई कार्यक्रमों के आयोजन पर विचार कर रही है।
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